कोण्डागांव
कीचड़ भरी पगडंडीनुमा कच्चा रास्ता और नाला पार कर जाने की मजबूरी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिश्रामपुरी/केशकाल, 13 सितंबर। हल्की सी बारिश में ही जान जोखिम में डालकर फिसलन, कीचड़ भरी पगडंडीनुमा कच्चा रास्ता और नाला पारकर दैनिक आवश्यकता या अन्य कार्य के लिये तीन किमी दूरी तय करके पक्की सडक़ तक पहुंचने को बड़ेराजपुर के आश्रित कोदोभाट बन्नूपारा के लोग मजबूर हैं।
ग्रामीणों का कहना है कि आज तक बस्तर में विकास की सबसे बडी़ बाधा नक्सलियों को माना जाता है, जबकि हकीकत यह है कि यह पारा बड़ेराजपुर ब्लॉक के बीच में है और यहां पर कोई नक्सली समस्या या परेशानी भी नहीं है, फिर भी आज तक इस गांव को मूलभूत सडक़ जैसी सुविधा भी नहीं मिल पाई है।
कोंडागांव जिला के बड़ेराजपुर ब्लॉक के सबसे बड़े ग्राम पंचायत बड़ेराजपुर का आश्रित पारा कोदोभाट बन्नूपारा है, जिसकी आबादी लगभग 400 है । विडंबना है कि एक ओर आजादी के 75वें वर्ष को सारा देश अमृत महोत्सव के रूप में मना रहा है और इस अमृत महोत्सव की जिले की क्रियान्वयन एजेंसी स्वयम् प्रधानमंत्री ग्रामीण सडक़ विभाग है, वहीं दूसरी ओर आज तक इस गांव में सडक़ तक नहीं है।
इस संबंध में ग्रामीणों ने कहा कि वैसे तो हर पंचायत, विधानसभा और लोकसभा चुनाव के समय में जनता से हाथ जोडक़र वादा करने वाले जनप्रतिनिधि जीत के बाद इस पारा की सुध लेना भूल जाते हैं, यही क्रम सात दशक से चलते आ रहा है। सडक़ की मांग को लेकर गांव वालों ने कई दफा शासन-प्रशासन, ग्रामसभा और जनप्रतिनिधियों को अवगत करा चुके हैं, फिर भी आज तक किसी ने उनकी समस्या को ध्यान नहीं दिया। शायद लोकतंत्र में उनके वोट का महत्व नहीं है।
गांव वालों ने बताया कि उनके गांव में बरसात के मौसम में न तो कोई चार पहिया गाड़ी आ-जा पाती है और न ही स्वास्थ्य विभाग की अतिआवश्यक सेवा वाली गाड़ी 102,108 जैसे संजीवनी गाड़ी आ जा पाती है। हालात के मजबूरीवश गंभीर मरीज को गांव वाले तीन किमी दूर पड़ोस के गांव खजरावंड या सोनपुर तक स्वयम् बाईक या सायकिल में पहुंचाने के बाद वहां से चार पहिया वाहन से अस्पताल पहुंचाते हैं।
गांव के ग्रामीण हेमलाल, दिनेश, चैतु , तुलाराम, बलदेव, दयाराम आदि ने बताया कि उनकी शासन-प्रशासन से बस एक ही विनती और मांग है कि हमारे गांव कोदोभाट बन्नूपारा को ग्राम खजरावंड से होते हुये कलगांव तक तथा ग्राम ओंडकापारा से होते हुये कोदोभाट को जोडक़र सोनपुर तक पक्की सडक़ की सुविधा उपलब्ध करा दिया जाए, जिससे हमारा गांव भी विकास की दौड़ में शामिल हो सके ।