बलरामपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलरामपुर, 13 सितंबर। राष्ट्रीय लोक अदालत के लिए गठित 6 खण्डपीठों ने 325 प्रकरणों का आपसी समझौते से निराकरण किया गया। लोक अदालत में 29 लाख 89 हजार 708 रूपये का अवार्ड भी पारित किया गया।
राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली एवं राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर के दिशा-निर्देशन में 11 सितंबर को जिला एवं सत्र न्यायालय रामानुजगंज, तालुका न्यायालय बलरामपुर, राजपुर एवं वाड्रफनगर में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया। जिसमें न्यायालय में लंबित राजीनामा योग्य आपराधिक प्रकरण जैसे मोटर दुर्घटना, दावा-प्रकरण, पारिवारिक विवाद, धारा 138 पराक्रम्य लिखित अधिनियम संबंधी वाद, राजस्व प्रकरण, बैंक ऋण, विद्युत, जल के बकाया देयकों का भुगतान संबंधी वाद, दूरभाष, किशोर न्याय बोर्ड के राजीनामा योग्य प्रकरण एवं यातायात के सामान्य मामलों को राष्ट्रीय लोक आदालत में रखा गया।
नेशनल लोक अदालत के प्रकरणों के निराकरण हेतु जिला न्यायालय रामानुजगंज में कुल 6 खण्डपीठ एवं तालुका न्यायालय बलरामपुर, राजपुर एवं वाड्रफनगर में 1-1 खण्डपीठ का गठन किया गया।
राष्ट्रीय लोक अदालत में 812 लंबित प्रकरण एवं 2 हजार 681 प्री लिटिगेशन प्रकरण कुल 3 हजार 493 प्रकरण विचारार्थ रखे गये थे। उक्त प्रकरणों में से 131 लंबित प्रकरण एवं 194 प्री लिटिगेशन प्रकरण कुल 325 प्रकरणों का पक्षकारों के आपसी समझौते के आधार पर सफलतापूर्वक निराकरण कर 29 लाख 89 हजार 708 रूपये का अवार्ड पारित किया गया। लोक अदालत में 325 प्रकरणों से संबंधित लगभग 825 व्यक्ति लाभान्वित हुए। राष्ट्रीय लोक अदालत में नि:शुल्क स्वास्थ्य परीक्षण शिविर भी लगाया गया था, जिसमें लगभग 200 लोगों को उपचार मिला।