कोरिया

पाइप लाइन विस्तार में अनियमितता का आरोप, कलेक्टर से शिकायत
13-Sep-2021 10:42 PM
  पाइप लाइन विस्तार में अनियमितता का आरोप, कलेक्टर से शिकायत

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

बैकुंठपुर (कोरिया) 13 सितंबर। कोरिया जिला मुख्यालय में नगर पालिका बैकुंठपुर क्षेत्र में करोड़ों की लागत से जल आवर्धन योजना के तहत पाइप लाइन विस्तार में अनियमितताओं को लेकर शहर के नागरिकों ने कलेक्टर को शिकायत सौंपी। शिकायत में कई तकनीकी बिन्दुओं पर जांच कर कार्रवाई की मांग की गई है। उन्होंने संसदीय सचिव अंबिका सिंहदेव को मामले में जांच कर कार्रवाई की मांग की है।

सोमवार को नगर पालिका बैकुंठपुर में निवासरत लोगों ने कलेक्टर को जल आवर्धन योजना में अनियमितताओं की शिकायत करते हुए बताया कि बीते तीन वर्षों से अलग-अलग स्थान पर जल आवर्धन योजना के तहत पेयजल के लिए नई पाईप लाइन विस्तार का कार्य किया जा रहा है। इस कार्य में नगर पालिका के अधिकारियों के संरक्षण की वजह से ठेकेदार मनमानी पर उतर आया है और कुछ दिन पूर्व बनी सडक़ों को खोदकर यथास्थिति बनाए बगैर जस का तस छोडक़र आगे बढ़ता जा रहा है जिससे नवनिर्मित बनी सडक़ों में गड्ढे हो रहे हंै। सडक़ टूट रही है।

शिकायत में बताया गया है कि जल आवर्धन योजना में पाइप लाइन भूमि पर खोद कर डालने के बाद पाइप में पानी डालकर हाइड्रो टेस्ट किया जाना था, परन्तु शहर में एक भी स्थान पर हाइड्रो टेस्ट नहीं किया गया है। इस टेस्ट के द्वारा कुछ दूरी तक पाईप डालकर पानी भरकर प्रेशर देकर टेस्ट किया जाता है ताकि पाइप से पानी लिक तो नहीं है, बाद में यदि सीमेंट मिट्टी से भर देने के बाद यदि लिकेज सामने आता है तो बाद में बड़ी परेशानी होने की संभावना होती है।  इसलिए हाइड्रो टेस्ट जांच होती है, परन्तु ठेकेदार द्वारा ऐसा कहीं भी नहीं किया गया है।

रेस्टोरेशन पार्ट में भी अनियमितताएं

वहीं पाइप विस्तार के रेस्टोरेशन पार्ट में भी अनियमितताएं देखी जा रही है, पाइप डालने के बाद मिट्टी नहीं डाली जानी चाहिए, क्योंकि मिट्टी बाद में बैठ जाती है, तो पाइप डालने के बाद रेत या मुरूम डाली जानी चाहिए, हाइड्रो टेस्ट के बाद सीमेंट क्रांक्रीट या बीटी का कार्य किया जाना चाहिए, रेस्टोरेशन पार्ट में लापरवाही बरती गई है। इसकी जांच कर कार्यवाही किया जाना आवश्यक है।

रेस्टोरेशन पार्ट में बीटी रोड पर जहां गढ्ढा खोद कर पाईप डालने के बाद सीमेंट क्रांक्रीट का कार्य किया गया है जो कि गलत है, क्योंकि जहां सीमेंट और डामर का जोड़ है वहां गड्ढा हो जाएगा। इसका ध्यान नहीं रखा गया है, जबकि सीमेंट क्रांक्रीट करने के पूर्व डब्ल्यूबीएम करना चाहिए था,उसके बाद बीटी या सीमेंट क्रांक्रीट किया जाना चाहिए था। ऐसा न करके कई स्थान पर अनियमितताएं बरती गई है। ऐसा किया गया हैं, जिसकी जांच कर कार्रवाई की जाए।

सडक़ों पर छोड़ दी मिट्टी, नहीं किया लेवलिंग

ठेकेदार द्वारा पाइप डाल कर सडक़ के साइड में मिट्टी छोड़ दिया गया है, जिससे सडक़ की चौड़ाई कम होती जा रही है, अतिक्रमण बढ़ रहा है। नव निर्मित बीटी सडक़ खराब हो रही है। ऐसा पूरे शहर में देखा जा रहा है। ठेकेदार द्वारा शहर भर में पाइप डालने के लिए खोदे स्थान को वैसा ही छोड़़ दिया गया है। जबकि उसे पूर्व की स्थिति की भांति करके देना है। शहर में जारी पाईप लाइन डालने के कार्य में डाले गई पाइप की लेवलिंग कहीं नहीं की गई है, पूरे शहर में अलग अलग साईज के पाईप डाले गए है, एकरूपता के साथ लेवलिंग बेहद जरूरी कार्य होना था, परन्तु बिना किसी इंजीनियर की उपस्थिति में जैसे तैसे पाइप डालकर काम किया जा रहा है। जिसकी जांच कर कार्रवाई की जाए।

छोड़ दी गाद

ठेकेदार द्वारा गेज नदी में पुराने इंटकवेल के पास नया इंटकवेल का निर्माण किया जा रहा है। नए के लिए खोदी गई गाद (मिट्टी) को वहीं छोड़ दिया गया है। एक तो पहले से ही गर्मी में पुराने इंटकवेल से पीने के पानी की बड़ी समस्या होती है, उस समय गाद को हटाने नगर पालिका को काफी मशक्कत करनी पड़ती है। ठेकेदार को तत्काल वहां रखी गाद को हटाने के निर्देश दिए जाए।

इस योजना के बनाए जा रहे ओवरहेड टैंक में पुरानी लाइन और नई पाईप लाइन को  मर्ज करने का भी प्रावधान रखा गया है, ठेकेदार द्वारा इसे मर्ज करने के लिए किस तरह की रणनीति बनाई गई है क्या दुबारा शहर को खोदकर ओवरहैड टैक तक पाइप को जोड़ा जाएगा, इसके लिए उसका क्या प्लान है ताकि शहर की सड़क़ों की दुबारा खुदाई ना हो सके।

कई जगह महीनों से व्यर्थ बह रहा पानी

ठेकेदार द्वारा खोदी गई सडक़ के कारण कई जगह पाईप लाइन टूट चुकी है, कई स्थान पर बीते एक माह से पानी बह रहा है, इसकी सुध न तो नगर पालिका के अधिकारियों ने लिया है और न ठेकेदार ने। जिला अस्पताल के लगी पाइप लाइन से पानी एक माह से ज्यादा समय से व्यर्थ बह रहा है।

राशि खर्च की जांच हो, जगह चयन में गड़बड़़ी

नगर पालिका द्वारा मार्गदर्शन संस्थान के पास गेज नदी के किनारे एक स्टॉपडेम का निर्माण करवाया है, यहां यदि इंटकवेल बनता तो पानी को फिल्टर प्लांट तक ले जाने में काफी कम राशि खर्च होती, परन्तु यहां न बनाकर काफी दूर पहले वाली जगह ही इंटकवेल बनाया जा रहा है, जिससे सरकारी राशि ज्यादा खर्च हो रही है। वर्ष 2006 में जो फिल्टर प्लांट का निर्माण कराया गया। बीते 15 साल से उक्त प्लांट में कई खामियां सामने आई, परन्तु अब जो नया फिल्टर प्लांट बनाया जा रहा है वो 2006 के बने प्लांट का कॉपी है, इसमें कुछ भी नया नहीं किया गया है, ऐसे में इसका नया संस्करण, आने वाले समय में बढ़ती आबादी को देखते हुए और कुछ बड़े शहरों के फिल्टर प्लांट का अध्ययन कर बनाया जाना चाहिए। शिकायत में कहा गया है कि ठेकेदार को अभी तक नगर पालिका द्वारा किए भुगतान की जांच कराई जाए।

पीएचई को किया जाए संलग्न

ठेकेदार द्वारा जहां-जहां पाईप लाइन को तोड़ा गया है वहां के लोगों ने अपने से पैसों खर्च करके उक्त टूटी पाईप लाइन को बनवाया है, नगर पालिका ने टूटी पाइप लाइन के सुधार कार्य के लिए मैकेनिक तो दे दिए परन्तु पाईप से जुड़ी सामग्री लोगों ने स्वयं के पैसे खर्च कर लाए, तब जाकर उनके घर में पीने का पानी आ पाया है। नगर पलिका में वाटर मैनेजमेंट को लेकर प्रशिक्षित इंजीनियर नहीं है, ऐसे में इस पूरे निर्माण कार्य में पीएचई को संलग्न किया जाना बेहद जरूरी है, उनकी मंजूरी के बाद ही कार्य को अंतिम रूप से सही माना जाए।

अन्य पोस्ट

Comments

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news