रायगढ़
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
खरसिया, 15 सितंबर। शासकीय महात्मा गांधी स्नातकोत्तर महाविद्यालय खरसिया के हिन्दी विभाग के द्वारा 14 सितम्बर को हिन्दी दिवस मनाया गया।
आमंत्रित कवि एवं कवयित्रियों के द्वारा माँ शारदे की कांस्य प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलन एवं समस्त अतिथियों का छात्रों के द्वारा वंदन रोली, पीला चावल और पुष्पहार से स्वागत के पश्चात् अध्यक्षीय उद्बोधन में विभागाध्यक्ष डॉ. रमेश टण्डन ने यूरेशिया - भारोपीय - भारत इरानी - भारतीय आर्य भाषा - वैदिक संस्कृत - लौकिक संस्कृत - पालि - प्राकृत - अपभ्रंश - शौरसेनी - पश्चिमी हिन्दी से निकली खड़ी बोली हिन्दी को विस्तार से बताया।
विभागीय सहायक प्राध्यापक जे आर कुर्रे के मंच संचालन में आयोजित कवि सम्मेलन के दौरान कवयित्री प्रियंका गुप्ता प्रिया ने सरल सहज प्रेम, निर्मल प्रेम; नेहा ठेठवार धरमजयगढ़ ने वीर रस; शुभदा रानी सिंह राठौर ने हिन्दी भाषा; गीता जायसवाल ने हिन्दी; हरप्रसाद ढेढे ने हिन्दी हमारी राष्ट्रभाषा है, यही हमारी पहचान है; लखनलाल राठौर ने मेरा भी कफन बसंती हो; महेन्द्र कुमार राठौर ने भारत हित में एक; दासीराम सारथी ने हिन्दी हमारी भाषा, इससे जुड़ी कई आशा; राकेश नारायण बंजारे ने हिन्दी है अभिमान हमारा; मीनकेतन साहू ने सफर में रहने दो तथा जमुना प्रसाद चैहान ने सभी रसों पर मौलिक गीत एवं सरस कविता पाठ करके एम ए हिन्दी के छात्रों में हिन्दी कविता के प्रति रूझान जागृत करते हुए एक नई उमंग भर दी। जे आर कुर्रे ने श्रृंगार रस के संयोग एवं वियोग दोनों ही पक्ष पर कविता करते हुए नदी के पानी और तट के बीच प्रेम का मानवीकरण किया। डॉ0 आर के टण्डन के संयोजन में आयोजित हिन्दी दिवस-सह-कवि सम्मेलन का यह विभागीय कार्यक्रम राष्ट्रभाषा के प्रति विशुद्ध प्रेम को व्यक्त करते हुए पूर्ण रूप से सफल रहा।
समस्त कवियों के द्वारा प्रस्तुत गीत व कविता ने छात्रों को आनंदित किया, साथ ही छात्रों में हिन्दी के प्रति प्रेम व निष्ठा भी जागृत हुई।
इस अवसर पर एम ए द्वितीय व चतुर्थ सेमेस्टर हिन्दी के लगभग सभी छात्रों की उपस्थिति रही। कार्यक्रम समाप्ति उपरान्त सभी छात्रों ने सेमेस्टर परीक्षा की उत्तर पुस्तिका भी विभाग में जमा की।