महासमुन्द
आत्मनिर्भरता के साथ बच्चों की पढ़ाई भी हो रही
रजिंदर खनूजा
पिथौरा, 17 सितंबर (‘छत्तीसगढ़’)। बागबाहरा विकासखण्ड के ग्राम मोखा के एक परिवार ने प्रदेश सरकार की कर्जमाफी को उचित ठहराते हुए कर्ज माफी के बाद अपनी तरक्की की दास्तान सुनाई है।
ज्ञात हो कि इसी परिवार के मुखिया मंथिर धु्रव ने 4 वर्ष पूर्व कर्ज से परेशान होकर आत्महत्या कर ली थी, परन्तु अब वही कर्ज माफ होने के बाद यह परिवार खुशहाल हो गया है।
बताया जाता है कि खुदकुशी के बाद परिवार लगभग बिखर सा गया था। इस परिवार को अपने मुखिया की आत्महत्या से अधिक दुख आत्महत्या किये किसान को सरकार द्वारा व्यक्तिगत कारण, शराबी बताने से हो रहा था। इस वर्ष अकाल का समय भी था, जब किसानों ने अपनी फसलों को मवेशियों के हवाले कर दिया था क्योंकि सूखने के बाद फसल मवेशियों के खाने लायक भी नहीं बचती।
मृतक किसान मंथिर धु्रव के पुत्र मोहन ध्रुव ने ‘छत्तीसगढ़’ से चर्चा करते हुए बताया कि उस समय गांव में ब्लॉक कांग्रेस कमेटी बागबाहरा के अध्यक्ष अंकित बागबाहरा ने भूपेश बघेल व रविन्द्र चौबे का दौरा करवाया था और उन्होंने परिवार के प्रति पूरी संवेदना व्यक्त की थी।
इसके बाद हुए विधानसभा चुनाव में भूपेश बघेल के नेतृत्व में जैसे ही कांग्रेस सरकार सत्ता में आई और सत्ता में आने के चंद घण्टों में ही उसने किसानों का कर्ज माफ कर दिया था, उससे इसी मोखा ग्राम के मृतक स्व मंथिर ध्रुव की पत्नी समारी बाई का 3 लाख 67 हजार 90 रुपये के अल्पकालीन कृषि ऋण के साथ-साथ उसके भाई चैतराम ध्रुव का 1 लाख 20 हजार का कर्जा माफ हुआ था।
शासन की इस सौगात के बाद उन्होंने अपने लडक़ी की शादी करवाई, एक लडक़ी महासमुंद के चेतना धु्रव आईटीआई में पढ़ रही है, एक बागबाहरा कॉलेज में पढ़ रही है, और एक रायपुर में पढ़ रही है क्योंकि राजीव गांधी किसान न्याय योजना से उनको फसल का भरपूर दाम मिल रहा है ।
इसी प्रकार सरपंच पति गोविंद चंद्रकार 80000 व परिवार का मिला के सवा दो लाख रुपये माफ हुए। मोहन पिता गोवर्धन निषाद 75000 रुपये कर्ज माफ हुआ है इसी ग्राम के बसंत चन्द्राकर 4 खाते में 2 लाख कर्जा माफ हुआ है उन्होंने दो नया बोर भी करवाया है।
ग्राम में सिंचित किसानों की संख्या में भी इजाफा हुआ है। बोरिंग की सुविधा 25 फीसदी किसानों ने और करवा ली है ।
स्व. मन्थिर ध्रुव के बेटे मोहन ने बताया कि कांग्रेस सरकार के भरोसे अभी पुन: खेती के लिए 2 लाख रुपये का अल्पकालीन ऋण लिया है परंतु पुन: बारिश ने धोखा दिया है पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की घोषणा की फसल न बेच पाने की स्थिति में भी 9000 रुपये एकड़ मिलेगा, ने किसानों का उनके प्रति विश्वास बढ़ा दिया है। आज मोहन ने 23000 रुपये खर्च कर खेत से पीने का पानी घर तक लाया है,पुराना बोरिंग का कर्ज था वो भी पटा दिया। मोहन ने बताया कि सरकार की योजना बिजली बिल हॉफ के कारण घर का बिजली बिल पहले 250 आता था अब लगभग 100 से 150 आता है।
गांव के ही डरेश दीवान ने बताया कि पत्ता तोडऩे वाले ग्राम मोखा के कुल 125 घर में से 75 प्रतिशत घर वाले है व वर्तमान में 4000 के हिसाब से कीमत मिल रही है जिससे वो काफी लाभान्वित हो रहे है ।
गाँव के ही फिरन ध्रुव, अवध यादव, संतूराम निषाद , रमेश ठाकुर, धीरेंद्र चन्द्राकर, नोहर दीवान, गुमान सिंह,ओमलाल ध्रुव ने बताया कि जिनका गरीबी रेखा कार्ड नही था उनका लगभग 35 परिवारों को सामान्य राशन कार्ड से 10 रुपये किलो में चावल मिल रहा है । राज्य सरकार की नई योजना राजीब गांधी भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना पंचायत में लगभग 16 लोग होंगे जिनको लाभ मिलेगा ।
सरपंच पति गोविंद चन्द्राकर ने बताया कि ग्राम की कुछ मूलभूत समस्याएं अभी भी बरकरार है जैसे मुख्य मार्ग से मोखा रोड का बुरा हाल है, विद्यालय में बॉण्डरी वाल की आवश्यकता है। साथ ही बामहनसरा से चिंगरिया एक किलोमीटर रोड की समस्या है । इस बार की अल्पवर्षा से ग्राम के अंदर का मंदिर तालाब सूखने की स्थिति में आ गया है इसका भी कोई हल निकालना पड़ेगा। इस प्रकार भारी सूखे के बावजूद भूपेश बघेल की कांग्रेस सरकार की योजनाओं से गांव में खुशहाली आई है।