राजनांदगांव
संस्कारधानी में कोरोना बंदिश और बारिश से फीका रहा गणेशोत्सव
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 19 सितंबर। राजनांदगांव के विशिष्ट शैली के माने जाने वाले गणेश उत्सव पर्व पर कोरोना बंदिश और मूसलाधार बारिश ने पर्व के उत्साह को फीका कर दिया। 11 दिन बाद परंपरागत रूप से घर में विराजे विघ्नहर्ता भगवान श्रीगणेश की विदाई पूर्व आज हवन हुए। वहीं हवन-पूजन के बाद लंबोदर महाराज की विदाई का सिलसिला भी शुरू होगा।
हवन के फौरन बाद विदाई करने का रिवाज है, लेकिन दूसरे दिन ही व्यापक रूप से विसर्जन किया जाता है। इससे पहले कोविड प्रोटोकाल के लागू शर्तों के कारण गणेश उत्सव पर्व पर सीमित दायरे तक ही सिमटा रहा। पिछले दो साल से राजनांदगांव का परंपरागत गणेशोत्सव की चमक गायब नजर आई।
10 सितंबर से शुरू हुए गणेश पर्व के दौरान विशालकाय मूर्तियों के बजाय छोटे कद की प्रतिमाओं की पूजा-अर्चना हुई। पंडालों की गिनती भी शहर में सीमित रही। शहर के चौक-चौराहों में गणेश की प्रतिमाएं तय संख्या के अनुरूप नहीं रही। राजनांदगांव शहर के गली-मोहल्लों में गणेश पर्व की रौनक पर एक तरह से ग्रहण लगा रहा। डीजे साउंड सिस्टम में प्रतिबंध के कारण भी परंपरागत शोरगुल शहर से गायब रही।
कुंड और टब में विसर्जन करने की अपील
नगर निगम आयुक्त डॉ. आशुतोष चतुर्वेदी ने गणेश विसर्जन के संबंध में कहा कि शासन गाईड लाइन के अनुसार सोशल डिस्टेंसिंग का पालन एवं मास्क का उपयोग करते नगर में समिति द्वारा विराजित गणेश प्रतिमा का विसर्जन मोहारा नदी के पास नगर निगम द्वारा निर्मित विसर्जन कुंड में करना है एवं घरों में विराजित गणेश प्रतिमा का विसर्जन घर में ही टंकी या टब में करना है।
आयुक्त चतुर्वेदी ने गणेश समितियों से कहा कि गणेश प्रतिमा का विसर्जन शासन द्वारा निर्धारित समय पर करना है। मूर्ति विसर्जन के समय सीमित संख्या में समिति के सदस्य उपस्थित होंगेे एवं छोटे वाहन का उपयोग करेंगे, मूर्ति विसर्जन वाहन में किसी प्रकार की अतिरिक्त साज-सज्जा या झाकी की अनुमति नहीं होगी अधिक वर्षा के कारण नदी में बाढ़ जैसी स्थिति है, इस कारण निगम द्वारा मूर्ति विसर्जन के लिए रखे वाहन का ही उपयोग करें, नदी में सीधे मूर्ति विसर्जन न करें एवं विसर्जन मोहारा नदी के पास निर्मित विसर्जन कुंड में ही करें। उन्होंने कहा कि जिनके द्वारा घरों मेें गणेश प्रतिमा की स्थापना की गयी है वे भगवान श्रीगणेश की मूर्ति का विसर्जन घर के बडे टब आदि में ही करें व विसर्जन पश्चात मिट्टी का उपयोग गमले व पौधरोपण में करें। उन्होंने कहा कि शासन द्वारा गणेश विसर्जन के लिए दिए गए निर्देश का पालन करें।