रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदाबाजार, 19 सितंबर। राज्य सरकार की पोषण बाड़ी योजना से मिली आमदनी से ही लंकाहुडा (बिलाईगढ़ तहसील )निवासी सेवकराम पटेल के परिवार का गुजारा चलता है। उनकी आमदनी का अन्य कोई जरिया नहीं है। वे अपने घर से लगे लगभग 30डिसमिल की बाड़ी में मौसम के अनुरूप साग-सब्जी के खेती करते हैं। साल भर में वे पानी की उपलब्धता के अनुसार 3-4 फसल ले लेते हैं। पर्याप्त मात्रा में ताजी सब्जी खाने के बाद हर साल 20-25 हजार रूपये की अतिरिक्त कमाई हो जाती है।
सेवकराम पटेल ने मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप नरवा और बाड़ी को अपनी आर्थिक तरक्की का आधार बनाया है। उनके घर के नजदीक से होकर बिला नाला गुजरता है। अधिकांश मौसम में नाले में पानी उपलब्ध रहता है। उद्यानिकी विभाग की पोषण बाड़ी योजना के अंतर्गत उन्हें विभिन्न प्रकार की सब्जी मिल नि:शुल्क प्रदाय की गई। पालक, धनिया, भाटा थरहा, कलेरा, लौकी की बीज उन्होंने बाड़ी में लगाए। टूल्लू पम्प के जरिए नाले से पानी निकालकर साग-सब्जी की सिंचाई करते हैं। पूरे परिवार के लोग मिल जुलकर इस काम में लगे होते हैं। आस-पास के साप्ताहिक बाजार और बसना, भंवरपुर सरायपाली में सब्जी बेचने जाते हैं। उनके गांव में लगभग 90 प्रतिशत लोगों की आजीविका का प्रमुख साधन साग-सब्जी के व्यवसाय से ही चलती है। साग-सब्जी की आमदनी से ही सेवकराम अपने तीनों बच्चों को अच्छी शिक्षा दे पा रहे हैं। फिलहाल लाल भाजी और मूली की फसल से उनकी बाड़ी लहलहा रही है।