कोरिया

निमोनिया और सर्दी जुकाम पीडि़त बच्चों से भरा है शिशु वार्ड
19-Sep-2021 6:29 PM
 निमोनिया और सर्दी जुकाम पीडि़त बच्चों से भरा है शिशु वार्ड

हर दिन बढ़ रही है मौसमी बीमारियों से ग्रसित बच्चों की संख्या

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

बैकुंठपुर, 19 सितंबर। कोरिया जिले के जिला अस्पताल बैकुंठपुर में निमोनिया और सर्दी खांसी से 42 बच्चे भर्ती है, शनिवार को इनकी संख्या में 72 थी जिसके बाद 30 बच्चों को डिस्चार्ज कर दिया गया, वहीं अब भी भर्ती कई बच्चों को ऑक्सीजन दी जा रही है, बच्चों को सांस लेने के साथ सर्दी खांसी की बडी परेशानी देखी जा रही है।

इस संबंध में शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ भास्कर दत्त का कहना है कि मौसमी बीमारी है। निमोनिया और सर्दी खांसी की बात अभी तक सामने आ रही है, बच्चों का एंटीजन टेस्ट कोरोना नेगेटिव है, सभी का आरटीपीसीआर टेस्ट भेजा गया है, देखिए रिपोर्ट क्या आती है। आज भी नए 5 मामले आए है। रिकवरी रेट काफी अच्छा है। इस संबंध में जिला अस्पताल का जायजा लेने पहुंचें एसडीएम एसएस दुबे का कहना है कि वही नए बने वार्ड को भी शुरू करवाया जा रहा है, ताकि बच्चों का एडमिड करने में कोई परेशानी ना हो सके।

जानकारी के अनुसार अगस्त के अंतिम और सितंबर माह के शुरूआती दिनों में जिला अस्पताल में बच्चों के बीमार होने की संख्या में दिनोंदिन बढोतरी देखी गई। वहीं बीते कुछ दिनों में ज्यादातर बच्चों को सर्दी खांसी के साथ निमोनिया की शिकायत ज्यादा देखी जा रही है। शनिवार को 30 बच्चों को डिस्चार्ज किया गया, इन बच्चों को भी सांस लेने में परेशानी आ रही थी, भर्ती 42 बच्चों में 15 बच्चे ऐसे है जिन्हें ऑक्सिजन दिया जा रहा है। बचे बच्चों को सर्दी खांसी की समस्या है।

इसके साथ बच्चों को तेज बुखार भी आ रहा है। वहीं बच्चें इलाज के बाद तेजी से रिकवर भी हो रहे है। बीते 1 सितंबर से 19 सितंबर तक 3 बच्चों की मौत भी हो चुकी है। चिकित्सको के मुताबिक लगातार मौसम के बदलने से बच्चों में ऐसे लक्षण देखे जा रहे है। 

सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क गायब

कोरोना को लेकर लोगों में अब डर लगभग खत्म हो गया है, जिला अस्पताल में बच्चों के वार्ड के अलावा अन्य स्थानों पर लोग बिना मास्क के ज्यादा देखे जा रहे है। बच्चों के वार्ड बच्चों से भरे हुए है, कई बच्चों को नीचे जमीन पर लेटा कर इलाज किया जा रहा है, बच्चों के साथ आए परिजनों ने भी मास्क नहीं पहन रखे है, जबकि अस्पताल प्रबंधन के साथ चिकित्सक भी लोगों को आगह कर रहे है कि यदि किसी को जांच में कोरोना आता है तो उन्हें भी दिक्कत हो सकती है, बावजूद इसके लोग बिना मास्क के अस्पताल में घूमते नजर आ रहे हंै।

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