बिलासपुर

बीएससी नर्सिंग क्षेत्र में उज्जवल भविष्य-विशाल
19-Sep-2021 6:37 PM
बीएससी नर्सिंग क्षेत्र में उज्जवल भविष्य-विशाल

परीक्षा फार्म भरने की अंतिम तिथि 23 सितंबर

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 19 सितंबर।
आयुष कॉलेज ऑफ नर्सिंग, बिलासपुर छत्तीसगढ़ के डायरेक्टर विशाल दीक्षित ने बताया कि हमारी संस्था विगत 13 वर्षों से चिकित्सा के क्षेत्र में अपना योगदान दे रही है। आज बहुत से व्यवसाय देखे जा रहे हैं, किन्तु चिकित्सा ऐसा क्षेत्र है। जहां आबादी के साथ-साथ मरीज भी बढ़ते जा रहे हैं, और नर्सिंग स्टॉफ की जरूरत दिन ब दिन बढ़ती जा रही है। विगत 15 वर्षों से यह भी देखा जा रहा है कि छात्राओं का नर्सिंग के प्रति रुझान बढ़ता जा रहा है। हम देख सकते हैं कि न केवल सिर्फ लड़कियों व लडक़े भी नर्सिंग में आकर अपना भविष्य उज्जवल कर रहे हैं, क्योंकि आज की पीढ़ी समझदार व व्यवहारिक है। उन्हें यह ज्ञात है कि नर्सिंग न केवल रोजगार का एक अच्छा जरिया हैं बल्कि कई क्षेत्रों से हमें जोड़ता है।

आज अस्पतालों या नर्सिंग होम्स, इंडस्ट्रीयल नर्सिंग, हॉस्पीटल मेनेजमेंट, विद्यालयों एवं महाविद्यालयों जैसे कई अन्य भी है। बी.एस.सी. नर्सिंग करने के पश्चात् आगे पढऩे के लिये एम.एस.सी. नर्सिंग, एम. फील व पी.एच.डी. तक पढ़ा जा सकता है जिसका काफी अच्छा कार्यक्षेत्र है। वही दूसरी ओर नर्सिंग क्षेत्र के अलावा जैसे इंजिनियरिंग, फार्मेसी, एग्रीकलचर आदि क्षेत्रों में यदि देखा जाए तो छात्रों का रुझान कम होता जा रहा है।आज भारत सहित पूरा विश्व कोरोना महामारी से ग्रसित है। इस महामारी में चिकित्सकों के साथ नर्सों का बहुत बड़ा योगदान रहा है।अभी की स्थिति में 10-20 मरीजों के पीछे एक नर्स होता है।अभी भी नर्सों की कमी लगातार बनी हुई है। इसे देखते हुए सरकार नर्सिंग छात्रों के लिए लगातार वैकेंसी निकाल रही है किन्तु अभी तक आवश्यकता पूर्ण नहीं हो पाई है।

कोरोना ने आज पूरे देश को आईना दिखा दिया है कि हम मेडिकल के क्षेत्र में अभी भी कितने पीछे हैं।हमारा देश लगातार अन्य देशों को नर्स देता आ रहा है और यहाँ इनकी आवश्यकता आने वाले 10 वर्षो तक पूर्ण नहीं हो पा रही है।देश में इस समय 20 लाख नर्सो की कमी है। 2030 तक देश को कुल 60 लाख नर्सो की जरूरत होगी। व्यवसाय बहुत है पर हमें सोचना है और समझना है कि केवल पढ़ लेना पर्याप्त नहीं है पढ़ाई के साथ-साथ जीवन में सिर्फ उपाधि (डिग्री) नहीं बल्कि नौकरी की भी आवश्यकता होती है।

नर्सिंग कॉलेज में प्रवेश हेतु बी.एस.सी. नर्सिंग प्रवेश परीक्षा देना अत्यंत आवश्यक होता है। इस हेतु छात्र-छात्राओं को 12वीं की परीक्षा बायोलोजी विषय में पढऩा होता है।ऐसे विद्यार्थी को बी.एस.सी. नर्सिंग प्रवेश परीक्षा के लिए अपने 12वीं का रिजल्ट नहीं आने पर भी 12वीं के प्रवेश पत्र के आधार पर पात्र माना जाता है। यह परीक्षा प्रत्येक वर्ष अप्रेल-मई माह से बी.एस.सी. नर्सिंग प्रवेश परीक्षा के ऑनलाईन फार्म भरना प्रारंभ हो जाता है तथा इस हेतु परीक्षा लगभग जून माह में व्यापम द्वारा ली जाती है। बी.एस.सी. नर्सिंग परीक्षा के पास होने के पश्चात् काउंसिलिंग की प्रक्रिया पूर्ण कर कॉलेज में प्रवेश दिया जाता है।

भारतीय उपचर्या परिषद नई दिल्ली एवं छत्तीसगढ़ चिकित्सा शिक्षा रायपुर द्वारा सत्र 2000-2021 से कॉलेज का सत्र सितम्बर माह से प्रारंभ किया जाना निश्चित कर दिया गया है। पं.दीनदयाल उपाध्याय स्मृति स्वास्थ्य विज्ञान एवं आयुष विश्वविद्यालय द्वारा सभी शासकीय एवं अशासकीय नर्सिंग कॉलेज की वार्षिक परीक्षाएं प्रत्येक वर्ष अक्टूबर-नवम्बर माह में समाप्त हो जाया करेगी।अन्य क्षेत्रों की अपेक्षा नर्सिंग क्षेत्र में छात्राओं के लिए सुनहरा अवसर होता है।वर्तमान समय में जिस प्रकार नर्सिंग/ चिकित्सा क्षेत्र को देखते है तो रोजगार के अवसर उपलब्ध है। जिस हेतु नर्सिंग स्टॉफ की आवश्यकता संपूर्ण विश्व में ही नहीं अपितु देश में भी अति आवश्यक है।

सत्र 2021-2022 में बी.एस.सी. प्री-नर्सिंग की परीक्षा फार्म भरने की अंतिम तिथि 23 सितंबर 2021 है। परीक्षा फार्म भरने एवं नर्सिंग प्रवेश प्रक्रिया से संबंधित जानकारी दिये गये नम्बर 8778652769, 8319675516, 9131586102 पर संपर्क कर सकते हैं।
 

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