महासमुन्द
'छत्तीसगढ़' संवाददाता
महासमुंद, 21 सितंबर। गांव में कुछ सामाजिक व्यक्तियों द्वारा सामाजिक बहिष्कार किए जाने की प्रताडऩा से प्रताडि़त बिरकोनी के शत्रुहन साहू परिवार सहित आमरण अनशन पर बैठ गए थे। रविवार की रात पुलिस ने शत्रुहन सहित उनके परिवार को उठाकर जिला अस्पताल में उपचार के लिए भर्ती कराया और उचित कार्रवाई का आश्वासन देते हुए आमरण अनशन तुड़वाया। अस्पताल में उपचार के बाद सोमवार दोपहर को सभी को छुट्टी दे दी गई।
महासमुंद एसडीओपी कल्पना वर्मा ने बताया कि शत्रुहन साहू 17 सितंबर से अपनी मांग को लेकर घर के सामने ही आमरण अनशन पर बैठे थे। अनशन को दो दिन हो गए थे। ऐसे में उनकी तबीयत को देखते हुए पुलिस ने आश्वासन दिया, लेकिन वे मानने को तैयार नहीं थे। इसलिए ऐहतियातन इलाज कराने के लिए जिला अस्पताल में रात में भर्ती कराया गया। उन्हें बताया गया है कि उनकी शिकायत पर कार्रवाई की जाएगी। इसके बाद परिवार ने अनशन तोड़ दिया।
जानकारी के अनुसार शत्रुहन साहू गांव में संचालित भारत माता वाहिनी समिति में कार्यरत हैं, जो नशा मुक्ति अभियान का कार्य करता है। पिछले कुछ दिनों से समाज के लोग शत्रुहन और उसके परिवार को लगातार मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताडि़त कर रहे थे। शत्रुहन ने इसकी शिकायत 3 जुलाई, 27 जुलाई और 3 अगस्त को जिला प्रशासन से की, लेकिन मामले में कोई कार्रवाई नहीं की गई। इसके बाद से वह परिवार सहित अनशन पर बैठ गया।
इसके पहले मामले में 14 सितंबर को तहसीलदार द्वारा पंचायत भवन में समझौते के लिए बुलाया गया था, लेकिन जिनके खिलाफ शिकायत की गई थी, वे खुद उपस्थित न होकर दूसरे व्यक्तियों को भेज दिया। इसके चलते प्रार्थी ने आपसी समझौता करने से इंकार कर दिया।
इधर, इस मामले में महासमुंद तहसील अध्यक्ष तुलसराम साहू का कहना है कि शत्रुहन साहू को समाज ने बहिष्कार नहीं किया है। वह स्वयं अलग रहने की बात करता है। उन्होंने कहा कि उसने अनशन तोड़ दिया और मामले का सुलह हो गया है।