रायपुर
क्रोनोमेडिसिन इलाज में हो सकती हैं प्रभावी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 21 सितंबर। कोविड के प्रभाव से समाज के सभी वर्गों में किसी न किसी रूप में शारीरिक और मानसिक परिवर्तन देखने को मिल रहे हैं। इससे सोने के समय में परिवर्तन, बढ़ती चिंताएं, घबराहट जैसे लक्षण शामिल हैं। चिकित्सकों ने इन परिवर्तनों के प्रति सजग रहने की सलाह दी है और इनके इलाज में क्रोनोमेडिसिन की भूमिका को अहम बताया है।
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, रायपुर और इंडियन सोसाइटी ऑफ क्रोनोमेडिसिन के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सिम्पोजियम क्रोनोमेडिसिन-रेलीवेंस इन कोविड टाइम्स में विशेषज्ञों ने कोविड के बाद आए परिवर्तनों के बारे में चर्चा कर इनका चिकित्सकीय समाधान प्रस्तुत किया। उद्घाटन करते हुए निदेशक प्रो. (डॉ.) नितिन एम. नागरकर ने कहा कि कोविड के बाद चिकित्सक रोगियों में कई प्रकार के परिवर्तन जिनमें बायोलॉजीकल परिवर्तन भी हैं, महसूस कर रहे हैं। ऐसी परिस्थितियों में क्रोनोमेडिसिन एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हुए बेहतर चिकित्सा प्रदान कर सकती हैं।
मेडिसिन विभागाध्यक्ष प्रो. विनय पंडित का कहना था कि कोविड ने सभी की दिनचर्या पर प्रभाव डाला है। सभी वर्गों में नींद के पैटर्न में परिवर्तन देखने को मिल रहा है। दिनचर्या में परिवर्तन से घबराहट, चिंता, स्वास्थ्य को लेकर शंकाएं, नौकरी और वित्तीय समस्याओं का भी सामना करना पड़ रहा है। नींद के पैटर्न में परिवर्तन से रोग प्रतिरोधक क्षमता पर असर पड़ सकता है जिससे कई बीमारियां हो सकती हैं। कोविड के बाद किसी एक चीज पर फोकस न कर पाना, कंफ्यूजन, जल्द भूल जाने के लक्षण भी दिखाई दे रहे हैं।
प्रो. मीनाक्षी सिन्हा का कहना था कि क्रोनोमेडिसिन की मदद से शरीर में हो रहे परिवर्तनों को नियंत्रण में किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि सभी के शरीर में एक जैविक घड़ी होती है जो नींद के समय को और इससे जुड़ी गतिविधियों को नियंत्रित करती है।
उन्होंने क्रोनोबायोलॉजिस्ट और चिकित्सकों को साथ मिलकर पोस्ट कोविड बीमारियों के लिए रणनीति बनाने का सुझाव दिया।
आयोजन सचिव प्रो. (डॉ.) रामांजन सिन्हा ने बताया कि सिम्पोजियम में 690 प्रतिनिधियों ने भाग लिया जिनमें अमेरिका, जर्मनी और यूके के प्रतिनिधि भी शामिल थे। इस अवसर पर डीन प्रो. एसपी धनेरिया, प्रो. सरिता अग्रवाल, डॉ. आरती जगन्नाथ, डॉ. पृथ्वीस भट्टाचार्य, प्रो. नरसिंह वर्मा आदि ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया।