कोरिया
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बैकुंठपुर (कोरिया), 21 सितंबर। कलेक्टर श्याम धावड़े ने अचानक सोमवार को समय सीमा की बैठक ली, बैठक में उन्होंने जिले भर के एसडीएम की। जमकर क्लास ली, कहा नियम कानून के नाम पर बेवजह आम लोगो को घूमाने का काम बंद हो। सभी नोडल अधिकारियों को भी कहा गांव में जाओ तो पता लगाया करो राजस्व के किस काम के लिए कितनी राशि मांगी जा रही है।
बैठक में उन्होंने सभी एसडीएम से पूछा कि जाति निवास बनवाने में कितने पैसे लगते है किसी ने 16 रुपए बताये किसी से 200 रुपए, कलेक्टर ने कहा कि मुझे फोटोकॉपी और कागज़ के खर्च की जानकारी मत दीजिए, कौन कितने में बना रहा है ये सब मुझे पता है, नियम कानून की आड़ लेकर लोगो को महीनों घुमाया जा रहा है।
उन्होंने एसडीएम और तहसीलदार भरतपुर दोनो को भी कड़े लहजे में कहा कि वहां लोग परेशान है, अपर कलेक्टर को भी उन्होंने कहा कि वो भरतपुर जाएं, कलेक्टर ने कहा कि राज्य बंट गया तो क्या जाति बदल गई, बैगा जनजाति के जाति निवास में देरी की जा रही है। मैं बिल्कुल बर्दाश्त नही करूँगा। उन्होंने कहा कि आप लोगो को वंचित लोगो की मदद करना चाहिए, आगे भर्तियां निकलेंगी जाति निवास लोगो के काम आएगा। आगे बढऩे से किसी को नही रोकना चाहिए।
कलेक्टर ने जाति निवास बनाने में सबसे बेहतर काम करने पर बैकुंठपुर एसडीएम को शाबासी दी, कहा की 3 हजार आवेदन में साढ़े तीन हजार आवेदन का निराकरण किया, ज्यादा से ज्यादा लोगो के जाति निवास बनाकर बेहतर काम करके दिखाया है, इसके लिए उन्होंने बैकुंठपुर तहसीलदार को बधाई दी। वही बाकी एसडीएम को कहा दूसरी ओर आप हो जो साइन करने के नाम पर आजकल कल परसो कर लोगो को घुमा रहे हो। और आपकी प्रोग्रेस भी सही नही है।
कलेक्टर ने समय सीमा की बैठक में अधिकारियों से पूछा कि केसीसी क्या है? तब हैरानी की बात है ये सामने आई कि कई अधिकारी और राजस्व विभाग के एक बड़े अधिकारी तक केसीसी के बारे में नहीं जानते दिखे, उन्होंने भी हाथ ऊपर उठा दिया, जिस पर कलेक्टर ने हैरानी जताई और कहा कि जब राजस्व के बड़े अधिकारी को यह बात नहीं पता है तो क्या होगा?
जिसके बाद जिला पंचायत सीईओ श्री दुदावत ने बताया कि जिस तरह आप लोग के पास बैंक क्रेडिट कार्ड होता है उस तरह किसानों को पास किसान क्रेडिट कार्ड होता है जिससे किसान अपनी खेती के लिए समय समय पर ऋण ले सकता है। कलेक्टर ने एक अधिकारी से पूछा आपने केसीसी से बनवाया है कि नहीं? जिस पर अधिकारी ने कहा उसके पास उसके नाम से जमीन नहीं है, तो कलेक्टर ने तपाक से कहा 35 एकड़ जमीन तो है मैं छापा नहीं मारने वाला हूँ, जिसके बाद बैठक में हंसी के फव्वारे छूट गए। कलेक्टर ने कहा कि आप सब मैं यही कहना चाहता हूं कि केसीसी का ज्यादा ज्यादा किसानों को लाभ मिले, कई फायदों के साथ उन्हें बिना ब्याज के ऋण मिल सकता है, उन्हें फायदा दिलाइये। ताकि वो खुशहाल हो सके।
टीएल की बैठक में कलेक्टर ने जिले में वैक्सिनेशन की स्थिति की समीक्षा की, सभी एसडीएम से कहा आप टारगेट सेट करो, और आपके सेट किये टारगेट में यदि आप सफल नही हुए तो कार्यवाही के लिए तैयार रहे। उन्होंने कहा कि तीसरी लहर की संभावना को देखते हुए हम वैक्सिनेशन में काफी पीछे है, इसलिए अब कोई कोताही नही बरती जानी चाहिए। हर हाल में हमे लक्ष्य तक पहुंचना है। उन्होंने 30 सितंबर तक लक्ष्य पूरा करने के निर्देश दिए है।
कलेक्टर ने सोमवार को टीएल बैठक रखने के संबंध में बताते हुए कहा कि वो देखना चाहते थे कि 3 दिन की छुट्टी के बाद अधिकारी कितने सजग है। वही मंगलवार से सभी को वैक्सिनेशन में युद्व स्तर पर लग कर काम करने के निर्देश दिए। वही बैठक में कई अधिकारी नही आ पाए, जिसके बाद अनुपस्थित अधिकारियों को नोटिस जारी किया गया। गौरतलब है कि कलेक्टर श्याम धावडे और जिला पंचायत सीईओ कुणाल दुदावत की जुगलबंदी से कोरिया जिले में प्रशासनिक कसावट बनी है साथ ही सरकार की योजनाओं के क्रियान्वयन पर लगातार मोनिटरिंग की जा रही है।