राजनांदगांव

पखवाड़ेभर में पिस्टल जब्ती और आधा दर्जन हत्या-चाकूबाजी से बिगड़ा नांदगांव का माहौल
22-Sep-2021 2:45 PM
 पखवाड़ेभर में पिस्टल जब्ती और आधा दर्जन हत्या-चाकूबाजी से बिगड़ा नांदगांव का माहौल

फाईल फोटो

खराब कानून व्यवस्था से पुलिस की क्षमता पर सवाल, अब चौराहों पर लगा पहरा

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 22 सितंबर।
  राजनांदगांव शहर में गुजरे पखवाड़ेभर में ताबड़तोड़ अपराधिक घटनाओं ने पुलिस की क्षमता पर जहां गंभीर प्रश्न चिन्ह खड़ा कर दिया है। वहीं संस्कारधानी का सुकुन खराब कानून व्यवस्था से ताक पर है। बताया जा रहा है कि पुलिस की सुस्ती का जमकर उत्पाती युवक फायदा उठा रहे हैं। गुजरे 15 दिन के भीतर राजनांदगांव शहर में चौतरफा हत्या से लेकर गैर कानूनी तरीके से हथियार रखने के मामले सामने आए हैं। वहीं शहर के रिहायशी इलाकों के चौक-चौराहों में खुलकर गुटबाजी के चलते आपस में चाकू चली है।

बताया जा रहा है कि पुलिस के ढीले रवैये से आदतन अपराधियों को अपनी रंजिश भांजने का मौका मिल गया है। पिछले दिनों मोहारा बायपास पर एक बाप-बेटे को पुलिस ने पिस्टल और एक जिंदा कारतूस समेत गिरफ्तार किया। पुलिस ने दोनों के पास से एक मैग्जीन भी जब्त किया। बताया जा रहा है कि पिता-पुत्र काफी समय से पिस्टल से लैस होकर लोगों को डराते-धमकाते रहे। पुलिस को इस बात की भनक काफी देर से लगी। पुलिस ने भले ही दोनों को गिरफ्तार किया, पर पुलिस की गोपनीय सूचनाओं की भी नाकामी इस घटना से सामने आई। इस बीच कमला कॉलेज चौक और सृष्टि कॉलोनी चौराहे पर भी आसानी से दुश्मनी निकालने के लिए चाकूबाजी की घटना हुई। यह घटना थमी नहीं थी कि फरहद चौक में भी कुछ युवकों को चाकूबाजी करने के आरोप में पुलिस ने गिरफ्तार किया।

शंकरपुर में दो दिन पहले एक युवक की जघन्य हत्या की घटना से पुलिस की एक छवि पर भी विपरीत असर पड़ा। राजनांदगांव पुलिस को सख्ती नहीं बरतने का खामियाजा लगातार हो रही घटनाओं के रूप में भुगतना पड़ रहा है। शंकरपुर में एक नाबालिग ने नशे की हालत में अपने दोस्तों के साथ मिलकर धारदार हथियार से हत्या कर दी। शंकरपुर पहले भी पुलिस के लिए शांति में खलल करने वाले क्षेत्र के रूप में रहा है।

गणेश विसर्जन के दौरान अक्सर आपसी दुश्मनी निकालने के लिए लोग मौके की तलाश में रहते हैं। इस बीच शहर के तुलसीपुर क्षेत्र में भी गुजरे दिनों एक युवक ने अपने हमउम्र युवक को चाकू से वार कर ढेर कर दिया। शहर में सिलसिलेवार हो रही अपराधिक घटनाओं ने शांति और अमन पसंद लोगों को चिंता में डाल दिया है। बताया जा रहा है कि पुलिस की कमजोरी के कारण जमकर उपद्रवी घटनाएं हो रही है। पुलिस का कहना है कि ज्यादातर घटनाएं नशे के आगोश में डूबे युवा ही कर रहे हैं। पुलिस इसके लिए एक बड़ा अभियान चला रही है।

इस संबंध में राजनांदगांव सीएसपी लोकेश देवांगन ने ‘छत्तीसगढ़’ से कहा कि अपराधों को रोकने के लिए पहले चरण में नशाखोरी के खिलाफ पुलिस अभियान चला रही है। चौक-चौराहों में सुरक्षा बढ़ाते  जवान गश्त कर रहे हैं। सीएसपी का कहना है कि अधिकांश घटनाएं नशे की हालत में ही हुई है। सीएसपी यह मान रहे हैं कि नशाखोरी अभियान से बेहतर नतीजे सामने आएंगे। यहां यह बता दें कि राजनांदगांव शहर में पिछले 5 सालों के भीतर गोली चलने की घटनाएं हुई है। जिसके चलते शहर में गैंगबाजों का दखल बढ़ा था। यह भी बताया जा रहा है कि आला अफसर शहर की खराब हालत से बखूबी वाकिफ हैं।
चर्चा है कि सियासी दखल के कारण भी पुलिस की कार्रवाई फीकी पड़ती दिख रही है। शहर में पिछले कुछ दिनों से चाकूबाजी के साथ-साथ आपसी कहा-सुनी के मामले भी धड़ल्ले से बढ़ गए हैं। राजनांदगांव शहर के  व्यापारिक गतिविधियों वाले रास्तों से लेकर रिहायशी क्षेत्र में भी कानून व्यवस्था चरमराई हालत में है। आम लोगों की ओर से पुलिस व्यवस्था पर अब सीधे उंगलियां उठाई जा रही है।

होटलों में खुलेआम शराब का व्यापार
शहर के ठेलेनुमा और बड़े होटलों में शराब का व्यापार भी धड़ल्ले से किया जा रहा है। आबकारी विभाग की भी व्यवस्था इस मामले में बेहद खराब है। आबकारी अमले की ओर से लंबे समय से अवैध शराबखोरी को लेकर ठोस कार्रवाई सामने नहीं आई है। खास बात है कि आला अफसर शहर में अवैध शराब नहीं किबने का दावा कर रहे हैं। जबकि शाम ढलते ही शहर के निचले और बड़े होटलों मेें मनमाफिक रूप से लोग जाम छलका रहे हैं। यह हालत भी शहर की कानून व्यवस्था को बिगाडऩे के लिए काफी है। शराब पीकर हंगामा करने के साथ-साथ लोग पुलिस की व्यवस्था को भी चुनौती दे रहे हैं। शहर के भीतर ऐसा कोई क्षेत्र नहीं है, जहां रोजाना शराब बिकने और परोसने की शिकायतें आम लोगों के जरिये सामने नहीं आ रही है। इसके बावजूद आबकारी विभाग कार्रवाई करने के लिए पुलिस की ओर नजरें जमाए हुए हैं। शहर के होटलों में जिस तरह से शराब परोसा जा रहा है, उससे शांति और सुकून का खराब होना स्वभाविक है।

राजनीतिक रूप से पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल
राजनीतिक रूप से अब पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं। भाजयुमो के साथ-साथ सत्तारूढ़ दल के युवा भी शहर की हालत को लेकर पुलिस से हस्तक्षेप करने के लिए लिखित आवेदन दे रहे हैं। भाजयुमो का कहना है कि शहर की कानून व्यवस्था को दुरूस्त किया जाना बेहद जरूरी है। नशाखोरी के साथ-साथ आदतन अपराधियों पर लगाम कसने पर जोर देते भाजयुमो के कार्यकर्ता कार्रवाई नहीं करने पर आंदोलन करने की भी धमकी दे रहे हैं।

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