बीजापुर

फटे टायर से लक्जरी सोफा और पुराने गत्तों से बनाया राइस मिल
22-Sep-2021 8:22 PM
फटे टायर से लक्जरी सोफा और पुराने  गत्तों से बनाया राइस मिल

कबाड़ से जुगाड़ के जरिए बच्चों ने दिखाई प्रतिभा

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

बीजापुर, 22 सितंबर। बच्चों में वैज्ञनिक सोच और रचनात्मकता पैदा करने के उद्देश्य से विकासखंड बीजापुर में कबाड़ से जुगाड़ प्रदर्शनी का आयोजन किया गया, जिसमें विकासखंड के 54 स्कूलों के छात्र-छात्राओं ने अपनी प्रतिभा से प्रभावित किया।

उत्कृष्ट मॉडल का प्रदर्शन करने वाले चयनित 22 स्कूलों के छात्र छात्राओं को प्रोत्साहन स्वरूप प्रमाण पत्र का वितरण विकास खंड शिक्षा अधिकारी मोहम्मद जाकिर खान द्वारा किया गया। इस अवसर पर बीआरसी कामेश्वर दुब्बा, प्राचार्य आत्मानंद स्कूल अमित गंधरला,सभी संकुल समन्वयक व बड़ी संख्या में शिक्षक शिक्षिकाएं एवं स्कूली बच्चे उपस्थित रहे।

स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल बीजापुर के प्रांगण में आयोजित विकासखंड स्तरीय कबाड़ से जुगाड़ प्रदर्शिनी में विकासखंड के 54 स्कूलों के लगभग 200 बच्चों ने हिस्सा लेकर अपनी वैज्ञानिक सोच और रचनात्मक कौशल का परिचय दिया। सर्वश्रेष्ठ प्रस्तुतियों में अल्फा इंग्लिश मीडियम स्कूल, स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल, कन्या आश्रम शाला कैका, अंकुर पब्लिक स्कूल बिजापुर, माध्यमिक शाला दुगोली, माध्यमिक शाला इटपाल, कस्तूरबा विद्यालय नैमेड,नवोदय विद्यालय बीजापुर,डी ए वी स्कूल बीजापुर शामिल रहे।

अल्फा इंग्लिश मीडियम स्कूल ने अनुपयोगी टायर से सोफा, अंकुर पब्लिक स्कूल बीजापुर ने राइस मिल, कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय ने वर्षा जल का संरक्षण का मॉडल, कन्या आश्रम शाला कैका ने गति के प्रकार, माध्यमिक शाला ईटपाल ने अनुपयोगी कचरे से पृथ्वी की संरचना व खाली बोतलों से फ्लावर पॉट, स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल ने मानव उत्सर्जन तंत्र व पवन चक्की, माध्यमिक शाला संजय पारा ने वर्ष जल का संरक्षण, हाई स्कूल तोयनार ने वाटर फाउंटेन, उच्चतर माध्यमिक विद्यालय  नैमेड ने पुष्प प्रजनन तंत्र, कस्तूरबा विद्यालय बीजापुर ने वर्षा जल का शोधन, बालक माध्यमिक शाला बीजापुर ने मिर्च कटर तो माध्यमिक शाला दुगोली ने जल चक्र का मॉडल अनुपयोगी कबाड़ से बनाया।

कार्यक्रम के अंत में विकास खंड शिक्षा अधिकारी मोहम्मद जाकिर खान ने सभी प्रतिभागियों को बधाई दी एवं उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन की सराहना करते हुए कहा, कि बच्चों में पढ़ाई के साथ सर्वांगीण विकास बहुत आवश्यक है।

बच्चों में वैज्ञानिक सोच एवं नए-नए रचनात्मक कार्य करने की आदत होनी चाहिए, तभी वह भविष्य में हर क्षेत्र में सफल हो सकते हैं।

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