राजनांदगांव
पहले बुआई की फसलें 30 फीसदी चौपट
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 23 सितंबर। जिले में देर से बोए धान की फसल को भादो की फसल को लहलहाने का मौका मिल गया। वहीं आषाढ़ और सावन के बारिश के दौरान बुआई करने वाले किसानों को तय समय पर बरसाती पानी नहीं मिलने से काफी नुकसान हुआ है। जिले में 30 फीसदी फसल खराब हो गई है।
आषाढ़-सावन के महीने में हुई शुरूआती बारिश से कई किसानों ने बुआई कर ली थी, लेकिन दोनों ही महीने में मानसून की रफ्तार कमजोर रही। आषाढ़ और सावन का महीना पानी के लिहाज से बेहद ही परेशान करने वाला रहा। आषाढ़ के साथ-साथ सावन में भी मानसून की मेहरबानी नहीं होने से खेत-खलिहान सूखे पड़ गए। इस बीच सावन के महीने से कुछ दिन पूर्व बुआई करने वाले किसानों के लिए भादो की बारिश फायदेमंद साबित हुई। जिले के अलग-अलग हिस्सों में 2 लाख 98 हजार 500 हेक्टेयर में निर्धारित लक्ष्य के तहत बुआई की गई है।
बताया जा रहा है कि बोनी का प्रतिशत इस साल बेहतर रहा है। वहीं दलहन-तिलहन के लिए भी स्थिति औसतन ठीक रही है। भादो की बारिश से फसलों को सम्हलने का मौका मिल गया। जिले में धान की फसल बड़े हिस्से में बोयी जाती है। भादो में बरसे बादलों से किसान अच्छी पैदावार होने की उम्मीद लगाए बैठे हैं। इस बीच धान की अलग-अलग किस्म की फसलें खेतों में पकने की कगार पर है। ग्रामीण इलाकों में किसानों को अच्छा फायदा होने की उम्मीद है। बताया जा रहा है कि दिवाली पूर्व धान की कटाई शुरू होने की संभावना है।