महासमुन्द

भुईंया ऑनलाइन सॉफ्टवेयर में आई परेशानी
23-Sep-2021 5:11 PM
 भुईंया ऑनलाइन सॉफ्टवेयर में आई परेशानी

पखवाड़े भर से बंद है गिरदावरी की ऑनलाइन एंट्री का काम

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 23 सितम्बर।
भुईंया ऑनलाइन सॉफ्टवेयर में आई परेशानी से गिरदावरी की ऑनलाइन एंट्री का काम पिछले पखवाड़े भर से बंद है। काम नहीं होने से पटवारी व किसान परेशान हैं। तीस सितंबर तक गिरदावरी रिपोर्ट की ऑनलाइन एंट्री होनी है, लेकिन सॉफ्टवेयर में आ रही समस्या के कारण एंट्री का काम बंद हो गया है। सही समय में यदि ऑनलाइन एंट्री का काम पूरा नहीं हुआ तो इस साल किसानों को धान बेचने में परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।

हालांकि धान खरीदी प्रारंभ करने के लिए अभी दो महीने का समय है, लेकिन बड़ी समस्या सॉफ्टवेयर की है। यह कब बनेगा, इसके बारे में किसी को जानकारी नहीं है। बताया जा रहा है कि सॉफ्टवेयर में परेशानी इतनी है कि पूर्व में पूरी कर ली गई एंट्री भी अब नहीं दिख रही है। पटवारियों को फिर से एंट्री का काम करना होगा। वहीं समस्या यह भी है कि साफ्टवेयर कब शुरू होगा ये किसी को पता नहीं है। पटवारी संघ द्वारा पिछले सप्ताहभर से भू.अभिलेख के संचालक को अवगत कराया जा चुका है, लेकिन सॉफ्टवेयर में सुधार नहीं करा पा रहे हैं। इस संबंध में कलेक्टर डोमन सिंह का कहना है कि गिरदावरी का काम 99 प्रतिशत हो गया है। उन्होंने कहा कि एक दो दिन में शत प्रतिशत हो जाएगा। कुछ ही ब्लॉकों में काम बचा रहा है। ऑनलाइन एंट्री का काम चल रहा है। सॉफ्टवेयर की परेशानी के कारण काम की गति धीमी जरूर है, लेकिन इसे समय रहते पूरा कर लिया जाएगा।

पटवारी संघ के जिलाध्यक्ष श्रीराम दीवान ने बताया कि भुईंया सॉॅफ्टवेयर में बदलाव के कारण राजस्व अभिलेख गिरदावरी कार्य एवं पूर्व डाटा डिलीट होने एवं अन्य समस्याएं आ रही है। उन्होंने बताया कि 8 से 13 सितंबर तक किए गए भुईयां सॉफ्टवेयर में बदलाव से पटवारियों को भू.अभिलेख से संबंधित ऑनलाइन कार्य में समस्याएं आ रही हैं। उन्होंने बताया कि सॉफ्टवेयर में सर्वर नहीं रहता है, इससे शासन की महत्वाकांक्षी योजना गिरदावरी प्रविष्ट करने में समस्या हो रही है। वर्तमान में नामांतरण की प्रविष्टि प्रक्रिया नहीं हो रही है। जिन खसरा नंबरों का डिजिटल सत्यापन पूर्व मेें हो चुका था, वर्तमान में उनसे डिजिटल सत्यापन हट गया है। इससे कृषकों को बी-1 खसरा आदि निकालने में समस्या हो रही है। फसल प्रविष्टि में एक से अधिक फ सल प्रविष्टि करने पर एक ही फसल क्षेत्राच्छादन में प्रदर्शित होता है। शेष फसल का रकबा पड़त प्रदर्शित हो रहा है। बहुत से खसरा नंबरों से खाताधारकों का नाम डिलीट हो चुका है।

जलाध्यक्ष ने बताया कि इन समस्या से पटवारियों को दफ्तर छोडऩा पड़ रहा है, किसानों को परेशानी हो रही है। किसान पटवारियों के दफ्तर में घंटों बैठे रहते हैं। समस्या को समझाने की पटवारियों ने कई बार कोशिश की, लेकिन किसान नहीं समझ रहे हैं। उल्टा पटवारियों पर दोष दे रहे हैं। गिरदावरी की ऑनलाइन एंट्री नहीं होने में सबसे बड़ी वजह सॉफ्टवेयर का सर्वर डाउन होना है। सितम्बर 8 तारीख को ऑनलाइन भुईंया साफ्टवेयर को मेंटेनेंस के नाम पर बंद कर दिया गया था। 10 तारीख को सॉफ्टवेयर का मेंटेनेंस का काम पूरा हो गया। लेकिन बार-बार एरर आ रहा है। यह समस्या आज भी है।

मालूम हो कि ऑनलाइन गिरदावरी की एंट्री यदि समय से नहीं हुई तो सबसे पहले इसका असर धान खरीदी पर पड़ेगा। एक भी किसान धान बेच नहीं पाएंगे। महीना समाप्त होने के लिए अब आठ दिन ही शेष रह गया है। अभी तक ऑनलाइन की एंटी नहीं हुई है। एंट्री नहीं होने से किसानों में दावा आपत्ति का काम भी प्रभावित हो गया है। अक्टूबर माह तक दावा आपत्ति का काम चलेगा। फसलों की देखरेख करने के समय किसानों को समितियों व पटवारियों के चक्कर लगाने पड़ेंगे। इस समस्या से धान खरीदी का समय भी परिवर्तन होने की संभावना व्यक्त की जा रही है।
 

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