राजनांदगांव
मवेशियों को आसानी से हो रहा चारा उपलब्ध
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 24 सितंबर। शासन की सुराजी गांव योजना से ग्रामीण परिवेश बदल रहा है। गौठान हमारी छत्तीसगढ़ी संस्कृति का अंग रहे हैं। शासन ने छत्तीसगढ़ी संस्कृति का संरक्षण किया है। मवेशियों की सुरक्षा और चारा-पानी के लिए गौठान में ही चारागाह विकसित किये जा रहे हैं।
मानपुर विकासखंड के ग्राम जपकसा में ढाई एकड़ भूमि में चारागाह में नेपियर घास लगाई गई है। अब मवेशियों को आसानी से चारा उपलब्ध हो जाएगा। वहां देशी वॉच टावर मचान से विनय कावलिया चारागाह की निगरानी करते नजर आए। सभी विकासखंडों में चारागाह विकसित किए गए हैं और समूह की महिलाओं द्वारा वहां नेपियर घास लगाया गया है। नेपियर घास के विक्रय से समूह की महिलाओं की आमदनी बढ़ी है। उल्लेखनीय है कि जिले में कुल 275 चारागाह है वहीं 316 चारागाह की स्वीकृति मिली है। जिले में 754 एकड़ रकबा में चारागाह विकसित किए गए हैं। जहां नेपियर घास, मक्का बीज एवं अन्य बीज लगाएं गए हैं।