धमतरी
नगरी, 25 सितंबर। छत्तीसगढ़ क्वान्टिफायबल डाटा आयोग द्वारा अन्य पिछड़ा वर्ग के लोगो के सामाजिक आर्थिक व शैक्षणिक स्थिति के आकलन करने के लिए जनगणना का कार्य प्रारम्भ हो चुका है जिसके लिए प्रशासन द्वारा टीम का गठन कर डाटा संग्रहण कार्य के लिए ग्राम पंचायत स्तर पर शुरुआत हो चुका है।
पिछड़ा वर्ग कल्याण संघ के जिलाध्यक्ष अंगेश हिरवानी ने पिछड़ा वर्ग के लोगों से अपील करते हुये कहा है कि इस अभियान में किसी भी सदस्य की जानकारी नही छूटना चाहिए राज्य शासन ने जो डाटा संकलित करने का निर्णय लिया है उसका भरपूर लाभ उठाने के लिए गांव गांव में जागरूकता लाने की जरूरत है।पिछड़ा वर्ग कल्याण संघ के प्रदेश सहसचिव देवेन्द्र सेन ने बताया कि इस कार्य के लिए पिछड़ा वर्ग के अंतर्गत आने वाले सभी समाज प्रमुखों को अपने अपने लोगो को पूर्ण जानकारी देकर इस अभियान में सहभागी बनाने की आवश्यकता है जिससे की पिछड़ा वर्ग के जनसँख्या का सही आंकड़ा शासन के पास उपलब्ध हो जायेगा। एक अनुमान के अनुसार छत्तीसगढ़ में पिछड़ा वर्ग की जनसंख्या 45 से 54 प्रतिशत तक बताई जाती है अब इस आंकड़ा को प्रमाणित करने का समय आ गया है।
राज्य शासन पिछड़ा वर्ग के लोगों को 27 प्रतिशत आरक्षण देने के लिए संवैधानिक प्रक्रिया का पालन कर अधिसूचना जारी करने की तैयारी में लग गई थी किन्तु जनसंख्या का सही आंकड़ा व दस्तावेज उपलब्ध नही होने के कारण कुछ असंतुष्ट वर्ग के लोगों ने हाईकोर्ट बिलासपुर में स्टे लगवा दिया गया है यदि इस जनगणना अभियान में हमारे सभी सदस्यों का सही आंकड़ा शासन को मिल जायेगा तो निश्चित ही हमारे लंबित आरक्षण सहित सभी अधिकार को प्राप्त करने में आसानी होगी।