दुर्ग
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दुर्ग, 25 सितंबर। शासकीय नवीन मोहन लाल जैन महाविद्यालय, खुर्सीपार भिलाई की अर्थशास्त्र विषय की सहायक प्राध्यापक, डॉ. अनिता मेश्राम द्वारा लिखित पुस्तक ’’अनुसूचित जाति एवं जनजाति का आर्थिक विकास-एक अध्ययन’’ का हेमचंद यादव विश्वविद्यालय, दुर्ग की कुलपति, डॉ. अरूणा पल्टा ने विमोचन किया।
यह जानकारी देते हुए विश्वविद्यालय के अधिष्ठाता छात्र कल्याण, डॉ.प्रशांत श्रीवास्तव ने बताया कि कुलपति कक्ष में आयोजित विमोचन समारोह में कुलपति डॉ. पल्टा ने डॉ. मेश्राम द्वारा लिखी गई पुस्तक की सराहना करते हुए कहा कि अन्य प्राध्यापकों को भी अपनी पी-एच.डी. थिसिस के निष्कर्ष को पुस्तक का स्वरूप देकर समाज के सामने लाना चाहिए। महाविद्यालयों अथवा विश्वविद्यालयों की ग्रंथालयों में अलमारियों में बंद शोध निष्कर्षों का समाज को सही लाभ नहीं मिल पाता।
पुस्तक की लेखक डॉ. अनिता मेश्राम ने पुस्तक के संबंध में बताया कि उन्होंने अपने पी-एच.डी. शोध अध्ययन के दौरान राजनांदगाव जिले के साल्हेवारा की बैगा जनजाति तथा मोहला ब्लॉक के अनुसूचित जाति के सदस्यों के आर्थिक स्थिति का गहराई से अध्ययन किया। इस दौरान प्राप्त आंकड़ों का विश्लेषण उन्होंने अपने पुस्तक में करने का प्रयास किया है। डॉ. मेश्राम के मुताबिक अनुसूचित जाति एवं जनजाति शासकीय लाभकारी योजनाओं का लाभ सही ढंग से नहीं ले पाते अत: उन्हें शिक्षा की प्रेरित करने की आवश्यकता हैं।
विमोचन समारोह के दौरान कुलसचिव, डॉ. सी. एल. देवांगन, खुर्सीपार कॉलेज, की प्राचार्या, डॉ. रीना मजुमदार, उपकुलसचिव, डॉ. राजमणि पटेल, सहायक कुलसचिव, डॉ. सुमीत अग्रवाल, श्री हिमांशु शेखर मंडावी, श्री ए.आर. चौरे एवं खेल संचालक, डॉ. ललित वर्मा उपस्थित थें।
उल्लेखनीय है कि डॉ. अनिता मेश्राम को उनके शोध गतिविधियों को बढ़ावा देेने के लिए छत्तीसगढ़ राज्य योजना आयोग द्वारा एक लघु शोध परियोजना भी आबंटित की गई हैं।