धमतरी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
नगरी, 25 सितंबर। पुरी मठ के जगद्गुरू शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने कहा है कि वर्तमान समय में जो कानून देश में चल रहा है वह धर्मांतरण और गौ हत्या के लिए पर्याप्त नहीं है। शासन-प्रशासन के सहमति के बगैर कहीं पर भी धर्मांतरण संभव नहीं है। उन्होंने प्रयागराज में अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेन्द्र गिरी की मौत पर कहा कि अभी यह भी खुलासा नहीं है कि उनका मौत हत्या है या आत्महत्या। पहले तय होने दिजिए इसके बाद आगे की बातों पर विचार किया जा सकता है।
जगद्गुरू शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती का तीन दिवसीय धमतरी आगमन हुआ है। इस दौरान उन्होंने गुरूवार की शाम महालक्ष्मी ग्रीन्स कॉलोनी में पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि सनातन धर्म में देश, परिवार के लिए सुचिता, स्वच्छता, सुंदरता, शिक्षा, अर्थ, सेवा, रक्षा ये सभी मोक्ष के संस्थान है। सनातन धर्म के अनुसार भोजन और तन ढकने के लिए कपड़े की जरूरत होती है उतना ही धन अपने पास रखना चाहिए। महाभारत में विदुर जी ने धन संचय कर परिश्रम से दूर भागता है ऐसे लोगों को दंड देना चाहिए।
उन्होंने कहा कि वर्तमान स्थिति में धर्मनिरपेक्ष जैसे कोई शब्द नहीं है। सब कुछ धर्म के सापेक्ष है। उन्होंने खुलासा करते हुए कहा कि बाबा साहब अंंबेडकर को संविधान बनाने का भले ही श्रेय दिया जाता है। लेकिन संसद में जो उनकी टिप्पणी थी उससे साफ जाहिर होता है कि वे संविधान के पक्षधर नहीं थे। संविधान धर्म के अनुरूप बनना चाहिए ताकि सभी का जीवन सुरक्षित और व्यसनमय हो।
स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने आगे कहा कि सभी धार्मिक व्यवस्था धर्म के आधार पर की गई है। सभी का वर्ग अलग-अलग था। वर्तमान आरक्षण प्रणाली वर्ग और जाति के आधर पर है। इससे आर्थिक रूप से संपन्न व्यक्ति करोड़पति बन जाता है और अन्य वर्ग का शोषण करने में लग जाते है। शासन के पास इतनी सुविधाएं नहीं है कि लोगों को नौकरी मिल पाए, जितना आरक्षण के लिए अधिकृत किया गया है। प्राईवेट सेक्टर में तो आरक्षण हो ही नहीं सकता।
स्वामी जी ने कहा कि धर्मांतरण और गौ हत्या को रोकने के लिए बनाए गए कानून वर्तमान स्थिति के लिए पर्याप्त नहीं है। हिन्दुओं को धर्म भ्रष्ट करने की कोशिश की जा रही है। लालच, छल कपट प्रपंच से हिन्दुओं का धर्म परिवर्तन किया जा रहा है। ऐसे धर्मांतरण के लिए शासन प्रशासन भी जिम्मेदार है, क्योंकि उनके सहमति के बिना धर्मांतरण संभव नहीं हो सकता।
उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि धर्मांतरण के बाद कुछ लोग स्वयं को दलित बताकर आरक्षण के लिए धरना दे रहे थे। इस पर मेरी टिपण्णी थी कि यदि आर्थिक प्रलोभन देकर धर्मांतरण कराया गया है तो वे फिर दलित कैसे है? और यदि वे दलित तथा निर्धन है तो यह साफ है कि धर्मांतरण करवाने वाले उनके साथ ठगी किया है।
उन्होंने बेबाकी से यह भी कहा कि धर्मांतरण के लिए दूसरा कोई नहीं बल्कि हिन्दु सहयोग करते है। उन्होंने आगे कहा कि राजनीतिक दल के लोग पद के लालच में आकर केवल सत्ता, पद और पैसों के लिए दौड़ रहे हैं, ऐसे लोगों को राजनेता नहीं कह सकते। राजनेताओं को चलाने वाले आईएस, आईपीएस जैसे अधिकारी होते है। ऐसे अधिकारियों के पास सोच और चिंतन की भी कमी है। वे भी नेताओं के अनुरूप अपने आप को बदल लेते है। अधिकारियों को प्रशिक्षण की कमी रहती है, इसलिए उन्हें सत्ता के अनुरूप प्रशिक्षण दिया जा रहा है। यदि ये अधिकारी सनातन धर्म में आस्था रखते हुए अपना आचरण करे तो सुधार अवश्य आयेगा। उन्होंने एक प्रश्न के जवाब में कहा कि भारत आदिकाल से विश्व गुरू रहा है, वर्तमान में भी है और आगे भी रहेगा। यहां साईंस, वैदिक, गणित और आर्थिक ढांचे में जो विकास हुआ है वह विश्व के किसी देश में नहीं है। आज भी समस्याओं के समाधान के लिए अन्य देश भारत पर निर्भर है। उन्होंने कहा कि भारत को वैभव और गौरव के साथ स्थापित करना हमारा लक्ष्य है।
कलेक्टर, एसपी, दुग्ध संघ अध्यक्ष ने किया स्वागत
जगद्गुरू स्वामी निश्चलानंद सरस्वती के स्वागत के लिए कलेक्टर पीएस एल्मा, एसपी प्रफुल्ल ठाकुर, दुग्ध महासंघ के अध्यक्ष विपीन साहू, एसडीएम, तहसीलदार आदि ने पादुका में पुष्प अर्पित कर आशिर्वाद लिया। पत्रकारों की ओर से प्रखर समाचार के प्रधान संपादक दीपक लखोटिया ने पादुका पूजन किया। कार्यक्रम में प्रमुख रूप से भगवताचार्य पं. झम्मन प्रसाद शास्त्री, आयोजक परिवार के सदस्य गोपाल शर्मा, केशव प्रसाद शर्मा, राजेश शर्मा, जितेन्द्र शर्मा एवं उनके सहयोगी बजरंग अग्रवाल, महेश शास्त्री, दिलीपराज सोनी, भागेश बैद, विक्रांत शर्मा, आशिष थिटे, लक्की डागा, विकास शर्मा, विजय साहू, महेन्द्र खंडेलवाल आदि मौजूद थे।