कोरिया

चिरमिरी को जिला मुख्यालय बनाने की मांग को लेकर रायपुर पैदल निकले संघर्ष समिति के सदस्य, कोरिया बचाव मंच भी लगातार धरने पर
26-Sep-2021 5:44 PM
चिरमिरी को जिला मुख्यालय बनाने की मांग को लेकर रायपुर पैदल निकले संघर्ष समिति के सदस्य, कोरिया बचाव मंच भी लगातार धरने पर

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बैकुंठपुर (कोरिया) 26 सितंबर।
कोरिया जिले के विभाजन के बाद पूरा कोरिया जिला अशांत हो चुका है। मनेन्द्रगढ़ जिले की घोषणा  से मनेन्द्रगढ़ में होली दिवाली एक साथ मनाई गई थी, परन्तु बाद में नाम में परिवर्तन के बाद से भरतपुर, केल्हारी, खडग़वां और चिरमिरी में जिला मुख्यालय बनाए जाने की मांग तेज हो गई।  चिरमिरी से आज 200 से ज्यादा जिला मुख्यालय बनाओ संघर्ष समिति के सदस्य पैदल रायपुर के लिए निकले, जिन्हें सीमा तक छोडऩे चिरमिरी के लोगों का हुजूम देखा गया। दूसरी ओर बैकुंठपुर कोरिया बचाव मंच में क्रमिक हड़ताल में पटना, सोनहत, खडगवां, पोडी बचरा सहित पूरे क्षेत्र से हर वर्ग के लिए हिस्सा ले रहे है। कांग्रेस के लिए यह निर्णय गले की हड्डी बनता जा रहा है।

ज्ञात हो कि 15 अगस्त 2021 को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कोरिया जिले का विभाजन करते हुए नए जिले के रूप में मनेन्द्रगढ़ के नाम की घोषणा की, जिसके बाद मनेन्द्रगढ में जमकर खुशी मनाई गई। वहीं चिरमिरी को जिला बनाने की मांग को लेकर क्रमिक भूख हडताल शुरू हो गई, तो कोरिया जिलामुख्यालय में कोरिया बचाव मंच के बैनर तले कोरिया के विभाजन को लेकर क्रमिक धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया गया, बाद में मनेन्द्रगढ से सैकड़ो की संख्या में लोग आभार जताने मुख्यमंत्री के पास रायपुर पहुंचें, तो वहां जिले का नाम बदल कर मनेन्द्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर कर दिया गया, जिसके बाद चिरमिरी में खुशी तो मनाई गई, परन्तु जिला मुख्यालय की मांग पर बीते एक माह से ज्यादा समय से क्रमिक हड़ताल जारी है, वहीं रविवार को पहले 40 लोग मुख्यमंत्री से जिलामुख्यालय की मांग को लेकर रायपुर के लिए पैदल निकले, जिसके बाद उनका चिरमिरी में जगह जगह जोरदार स्वागत हुआ।धीरे धीरे पैदल रायपुर जाने वाले की संख्या 200 के पार पहुंच गई। 

इधर, नए नाम की घोषणा के बाद भरतपुर में भी धरना प्रदर्शन हुआ। यहां केल्हारी या जनकपुर को जिलामुख्यालय बनाए जाने की मांग की गई।

बैकुंठपुर में जारी है क्रमिक प्रदर्शन
कोरिया बचाव मंच के बैनर तले सभी राजनैतिक दल, धर्म, समाज के लोग कोरिया विभाजन का विरोध कर रहे है। शनिवार को गांधी प्रतिमा पर रैली के रूप में जाकर माल्यार्पण किया गया, जिसमें काफी संख्या में आमजन उपस्थित रहे। वहीं हर दिन लोग क्रमिक धरना प्रदर्शन में हिस्सा ले रहे है। जिसके कारण काफी संख्या में लोगों को जुड़ाव बढता जा रहा है। इससे राज्य सरकार की छवि पर काफी बुरा असर देखा जा रहा है। कोरिया बचाव मंच का कहना है कि कोरिया का विभाजन बेहद गलत निर्णय है, कोरिया के साथ विभाजन में अब अन्याय बर्दाश्त नहीं होगा।  

कई मामलों में फंसा है पेंच
कोरिया जिले के चिरमिरी, मनेन्द्रगढ भरतपुर को जिला बनाने की घोषणा के बाद अब तक जिले की सीमाएं तय नहीं हो पाई है। दरअसल, मामले में कई पेंच फंसे हुए है, सबसे ज्यादा विवाद खडगवां को लेकर देखा जा रहा है, खडग़वां विकासखंड का आधा हिस्सा बैकुंठपुर विधानसभा में तो आधा हिस्सा मनेन्द्रगढ विधानसभा में आता है, वहीं जनपद पंचायत खडगवां के समस्त जनपद सदस्यों ने कोरिया में रहने को लेकर प्रस्ताव पास कर दिया है। इसके अलावा एक तिहाई ग्राम पंचायत भी कोरिया में रहने के पक्ष में हैं। दूसरी ओर चिरमिरी खडग़वां विकासखंड में है, और चिरमिरी के कुछ वार्ड बैकुंठपुर विकासखंड में, ऐसे में सीमा तय करने में राज्य सरकार को काफी मशक्कत करनी पड़ रही है। इसके अलावा कोरिया वन मंडल बैकुंठपुर के चिरमिरी, खडग़वा, कोटाडोल परिक्षेत्र एक साथ है। इनका निर्धारण केन्द्र सरकार करती है।

कम खुशी ज्यादा गम
मनेन्द्रगढ के जिला बनने से बैकुंठपुर के लोगों ने किसी प्रकार का विरोध अब तक नहीं जताया है, परन्तु जिले के विभाजन को लेकर काफी नाराजगी है, वहीं मनेन्द्रगढ चिरमिरी भरतपुर को जिला बनाए जाने के बाद खुशी कम और गम ज्यादा देखा जा रहा है, इसका कांग्रेस को अब तक राजनैतिक फायदा मिलते नहीं दिख रहा है, क्योंकि अलग अलग क्षेत्रों को जोडने से उन क्षेत्रों के लोगों की उम्मीद बढ़ गई है। यदि वो पूरी नहीं होती है तो उसका नुकसान कांग्रेस को होना तय है, पहले सिर्फ बैकुंठपुर में विभाजन का विरोध था, परन्तु अब पूरे जिले भर में कही ना कहीं खुशी कम और नाराजगी ज्यादा देखी जा रही है।  
 

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