सुकमा

वाहन में मिले चावल को खाद्य विभाग ने प्रथम दृष्टया पीडीएस का बताया, जांच, आदिवासी समाज की मदद से दी दबिश
02-Oct-2021 8:53 PM
 वाहन में मिले चावल को खाद्य विभाग ने प्रथम दृष्टया पीडीएस का बताया, जांच, आदिवासी समाज की मदद से दी दबिश

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

दोरनापाल,  2 अक्टूबर। सुकमा जिले के दोरनापाल थाना अंतर्गत  सर्व आदिवासी समाज के माध्यम से पीडीएस की कालाबाजारी पर पुलिस ने दबिश दी है। प्रथम दृष्टया खाद्य विभाग ने इसे पीडीएस का चावल होना बताया है, इसके साथ ही जांच की प्रक्रिया शुरू हुई। वहीं सर्व आदिवासी समाज ने कार्रवाई नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी दी।

चावल पोलमपल्ली के एक व्यापारी हरेंद्र सिंह द्वारा पोलमपल्ली इलाके से सुकमा की ओर ले जाया जा रहा था। इसी दौरान सर्व आदिवासी समाज के सदस्यों द्वारा वाहन को रोककर उसकी तलाशी ली गई, जहां वाहन में चावल की संदिग्धता को देखने के बाद इसकी जानकारी पुलिस को दी गई जिसके बाद वाहन को पुलिस के सुपुर्द किया गया। थाने में तलाशी के दौरान वाहन में खुली बोरी में चावल की 36 बोरिया और इनके ऊपर के लेयर में महुए की बोरियों को रखा पाया गया।

 सुकमा जिले के दोरनापाल में सुबह एक पिकअप वाहन में सर्व आदिवासी समाज के सदस्यों द्वारा पीडीएस का चावल होने की जानकारी पुलिस को दी गई, जिसके बाद पुलिस व खाद्य विभाग की टीम ने वाहन की तलाशी और तफ्तीश की, जिसमें वाहन मालिक के पास किसी भी तरह का बिल तत्कालीन रूप से नहीं पाया गया। इसके साथ ही वाहन मालिक द्वारा यह बताया गया कि वह एक व्यापारी है, उसने जगदलपुर से चावल को खरीदा था। तफ्तीश में यह भी सवाल किया गया कि जब चावल की खरीदी जगदलपुर से की गई तो वापस सील खोलकर क्यों भेजा जा रहा?

 कोंटा के  खाद्य निरीक्षक विक्रांत नायडू ने बताया कि आज सुबह ग्रामीणों के द्वारा नगर पंचायत निवासियों के द्वारा एक शिकायत की गई कि एक गाड़ी पोलमपल्ली से आ रही है, जिसमें पीडीएस का चावल प्रतीत हो रहा है। दोरनापाल थाने में वाहन को खड़ा किया गया। मेरे द्वारा प्रथम दृष्टया जो जांच की गई, उसमें पीडीएस का चावल प्रतीत होता है। जिसका चावल मैंने जब्त किया है, वह कहता है कि वह चावल जगदलपुर से खरीदा गया, लेकिन तत्कालीन रूप से उसके द्वारा किसी भी तरह का दस्तावेज नहीं जमा किया गया। सोमवार तक मेरे द्वारा अंतिम जांच प्रतिवेदन कलेक्टर कार्य शाखा में प्रस्तुत कर दिया जाएगा।

सर्व आदिवासी समाज ने दी आंदोलन की चेतावनी

इस पूरे मामले में सामने आए सर्व आदिवासी समाज के ब्लॉक अध्यक्ष गणेश मंडावी और संभागीय अध्यक्ष उमेश सुंडाम ने बताया कि जिला का आदिवासी बहुल है और आदिवासियों के हक के राशन पर कालाबाजारी लंबे समय से चल रही है, जिसे रोकने का प्रयास सर्व आदिवासी समाज के लोग भी करना चाह रहे हैं। आज जो वाहन हमारे माध्यम से पुलिस के सुपुर्द कराया गया, उसमें प्लास्टिक की बोरियों में चावल बगैर सील पैक जिसमें संबंधित व्यापारी द्वारा पीडीएस का ना होना बताया जा रहा है। अगर चावल पीडीएस का नहीं था तो उसे छुपाकर क्यों ले जाया जा रहा था। इस तरह से कालाबाजारी चल रही है वह सर्व आदिवासी समाज नहीं बर्दास्त करेगा। खाद्य विभाग संबंधित व्यापारी पर कड़ी कार्यवाही करें, अन्यथा सर्व आदिवासी समाज इसके खिलाफ आने वाले दिनों में उग्र आंदोलन को मजबूर होगा।

पीडीएस की कालाबाजारी सफेद बोरी में की जाने लगी

गौरतलब है कि पीडीएस की कालाबाजारी सुकमा जिले में कोई नया नहीं है। कई सालों से पीडीएस की कालाबाजारी की जा रही है। चावल तस्करों द्वारा इन दिनों कालाबाजारी के दौरान कार्यवाही से बचने नए तरीके का उपयोग किया जा रहा है।

 चावल तस्करों में एक मानसिकता बनी हुई है कि कार्यवाही से बचना है तो चावल को सील पैक रखने की बजाय प्लास्टिक की बोरियों में टुकडिय़ों में बेचा जाए, फिर कोई कुछ नहीं कर सकता।

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