जान्जगीर-चाम्पा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सक्ती, 3 अक्टूबर। कहते हैं दुनिया बदल रही है और आंगनबाड़ी में पदस्थ कार्यकर्ता इसी कहावत को चरितार्थ कर रहे हैं कभी हाथों में चम्मच से सब्जी तलते हाथ कभी झाड़ू पोछा करते हुए दिन भर मेहनत करने वाली गृहिणीयां अब एंड्राइड मोबाइल एवं कंप्यूटर सिस्टम में बैठकर पूरी तरह डिजिटल होने जा रही हैं और इसकी शुरुआत जिले के विकास खंडों में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को डिजिटल प्लेटफॉर्म से जोडऩे पोषण ट्रैकर कार्यक्रम के तहत की जा रही प्रशिक्षण से प्रारंभ हो गई है।
इस संबंध में ट्रेनर मनमोहन दास महंत एवं देवेन्द्र भाट ने बताया कि जैसे कि सभी कार्यालयों में मोबाइल एवं कंप्यूटर से कार्य करने खासकर डाटा एंट्री को आवश्यक बनाया जा रहा है उसी तरह अब आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को भी पूरी तरह डिजिटलाइजेशन करने डिजिटल प्लेटफॉर्म से जोडऩे प्रशासन के द्वारा कार्य प्रारंभ कर दिया गया है उन्होंने आगे बताया कि यह कार्य आंगनबाड़ी कार्यकर्ता कुछ समय पहले से कर रहे हैं लेकिन उसे और बेहतर करने के लिए प्रशिक्षण दी जा रही है तथा सभी उपस्थित आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को इस संबंध ममें आवश्यक जानकारी दी जा रही है एवं जिन्हें डिजिटल प्लेटफार्म में जुडऩे से दिक्कत आएगी ऐसे कार्यकर्ताओं को बारीकी से इसके बारे में जानकारी दी जाएगी इसमें यह भी बताया गया कि इसमें मुख्य कार्य विभाग के सभी संचालित कार्यों का डाटा एंट्री करना सबसे महत्वपूर्ण है उक्त प्रशिक्षण कार्यक्रम को संपन्न कराने में महिला एवं बाल विकास विभाग के सुपरवाइजर सुश्री दीक्षा शर्मा एवं ट्रेनर मनमोहन दास महंत तथा देवेंद्र भाट का विशेष योगदान रहा वहीं इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में अधिक संख्या में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता उपस्थित थे
उत्साहित है कार्यकर्ता
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को डिजिटल प्लेटफॉर्म से जोडऩे पोषण ट्रैकर कार्यक्रम के तहत दी जा रही प्रशिक्षण से आंगनवाड़ी कार्यकर्ता उत्साहित दिखाई दे रहे हैं इस संबंध में सक्ती नगर पालिका सीमा क्षेत्र के आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने बताया कि सरकार के द्वारा महिलाओं को डिजिटल क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने एवं शासकीय कार्यों को बेहतर ढंग से डिजिटल रूप में संपादित करने का कार्य प्रशंसनीय है उन्होंने आगे कहा कि इससे हमारे आत्मविश्वास में भी बढ़ोतरी होगी एवं हम विभागीय कार्यों के साथ-साथ आंगनबाड़ी में अध्ययन करने आ रहे छोटे बच्चों को प्रारंभ से ही अच्छी शिक्षा दे सकते हैं एवं उसके पोषण को लेकर भी बेहतर कार्य किया जा सकता है