गरियाबंद
सिरप पीने से तबियत बिगडऩे से डॉक्टर ने किया इंकार
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
मैनपुर, 5 अक्टूबर। मैनपुर ब्लॉक के नवापारा और उसके आश्रितपारा माहुलपारा में 30 से अधिक बच्चों की तबीयत अचानक बिगड़ रही है। बच्चों को बुखार है और उनके शरीर पर दाने उभर आये है। पालकों का कहना है कि बुधवार को स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा आयरन सिरप पिलाने के बाद बच्चों की तबियत बिगडऩी शुरू हुई है।
अमलीपदर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सा अधिकारी डॉ. भावेश यादव बड़ी मात्रा में बच्चों के बीमार होने की बात तो कबूल रहे हैं, मगर आयरन सिरप पीने से बच्चों की तबीयत बिगडऩे की बात से इंकार कर रहे है। उन्होंने कहा कि शुक्रवार से 10 बच्चे इलाज के लिए आये हैं, जिन्हें स्थानीय स्तर पर जांच कर दवा दिया गया है। किसी में भी एलर्जिक सिमटम्स नहीं है। कुछ और ही हो सकता है। इसलिए पीडि़तों को चाइल्ड एक्सपर्ट की मदद लेने कहा गया था। उन्होंने कहा कि बढ़ते संख्या को देखते हुए मामले की जानकारी उच्च अधिकारियों को दे दिया गया ओर स्थानीय टीम लगातार निगरानी कर रही है।
मैनपुर बीएमओ गजेंद्र ध्रुव से जब इस विषय में पूछा गया तो उन्होंने छुट्टी पर होना बताया, जबकि इंचार्ज बीएमओ केडी जोगी ने मामले से अनभिज्ञता जाहिर की है।
सरपंच के मुताबिक मंगलवार को शिशु सरंक्षण माह के तहत 3 साल तक के बच्चों को आयरन सिरप वितरण किया गया था। सिरप पीने के बाद बुधवार से बच्चों के पहले शरीर पर दाना उभरा और फिर देखते ही देखते मुँह के भीतर भी ऐसे ही दाने दिखने लगे। गुरुवार शाम तक बुखार भी आना शुरू हो गया। सरपँच ने नवापारा के 18 व आश्रित गांव माहुलपारा के 6 बच्चों के नाम गिना कर बताया कि दोनों गांव में लगभग 30 बच्चे पीडि़त हंै।
पालक विवेक वर्मा ने बताया कि वे शुक्रवार को कुछ बच्चों को लेकर अमलीपदर अस्पताल गए थे। डॉक्टरों ने कुछ दवा लिखकर दी है जिसे उन्होंने बाहर मेडिकल से खरीदने कहा है। प्राइवेट डॉक्टर को भी दिखाने की सलाह दी है।
पीडि़त पालकों ने स्वास्थ्य विभाग पर मामले को गंभीरता से नहीं लेने का आरोप लगाते हुए गांव में जल्द से जल्द शिविर लगाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि बुधवार के बाद से मर्ज केवल बढ़ता जा रहा है, कम नहीं हो रहा है।