रायगढ़
शिविर लगाकर बिजली बिल संबंधी समस्याओं का निराकरण
कंपनी को नोटिस जारी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायगढ़, 6 अक्टूबर। शिविर लगाकर बिजली बिल संबंधी समस्याओं का निराकरण किया गया। अधिक बिल भेजने पर मेसर्स-इन्फो-सॉफ्ट डाटा सर्विसेस प्रा.लिमिटेड कंपनी को नोटिस जारी किया गया। नोटिस जारी करने के 24 घंटे के अंदर उत्तर प्राप्त नहीं होने की स्थिति में कंपनी के विरूद्ध कार्यवाही करने पुलिस को पत्र लिखा गया है।
घर में एक टीवी, पंखा व 4 एलईडी बल्ब, भेज दिया 50 हजार का बिल के संबंध में समाचार पत्र में खबरें प्रकाशित हुई थी। जिसके संबंध में कार्यपालन यंत्री छग स्टे. पॉ. डिस्ट्री. कं.लिमि.रायगढ़ गुंजन शर्मा ने बताया कि रायगढ़ के कोड़ातराई उपसंभाग के दो ग्राम मिड़मिड़ा एवं लंहगापाली में कुछ उपभोक्ताओं को एकमुश्त खपत के विद्युत देयक जारी होने की शिकायत में आने पर इसकी सूक्ष्म जांच करायी गई। जिसमें मेसर्स-इन्फो-सॉफ्ट डाटा सर्विसेस प्रा.लिमिटेड द्वारा ग्राम मिड़मिड़ा के 17 घरेलू प्रकाश-पंखे उपभोक्ता एवं ग्राम लंहगापाली के 2 घरेलू प्रकाश-पंखे उपभोक्ताओं को एकमुश्त वाचन खपत के आधार पर माह जुलाई 2021 का देयक भेजा गया।
विगत कुछ माहों में उपभोक्ताओं को उनके परिसर में दिए गए स्पॉट बिल में अंकित वर्तमान वाचन तथा कंपनी द्वारा संचालित सॉफ्टवेयर-मिडिलवेयर में अंकित वाचन में अंतर पाया गया है। जिसकी पुष्टि हेतु प्राथमिक तौर पर कोड़तराई उपसंभाग के ग्राम-मिड़मिड़ा एवं ग्राम-औरदा के उपभोक्ताओं के विद्युत देयक की जांच की गई।
जिनके अवलोकन से यह स्पष्ट हो रहा है कि मेसर्स इन्फो-सॉफ्ट डाटा सर्विसेस लिमिटेड द्वारा स्पॉट पर दिए जा रहे विद्युत देयक एवं उनके सॉफ्टवेयर-मिडिलवेयर में अंकित वाचन में बड़ा अंतर पाया गया। जिसके परिणाम स्वरूप ही उपभोक्ताओं को एकमुश्त खपत का विद्युत देयक जारी हुआ है।
कार्यपालन यंत्री श्री शर्मा ने बताया कि इस संबंध में कंपनी को नोटिस जारी किया गया। नोटिस जारी करने के 24 घंटे के अंदर उत्तर प्राप्त नहीं होने की स्थिति में कंपनी के विरूद्ध कार्यवाही करने पुलिस को पत्र लिखा गया है।
उन्होंने आगे बताया कि उपभोक्ताओं के समस्याओं का निराकरण की दृष्टि से ग्राम-मिड़मिड़ा में 22 सितम्बर को शिविर आयोजित कर सभी उपभोक्ताओं की समस्याओं का निराकरण कर दिया गया है। इसके साथ ही ग्राम-मिड़मिड़ा के कुछ उपभोक्ताओं के परिसर की जांच की गई। जांच में घरों में उपभोक्ता के द्वारा भोजन पकाने हेतु हीटर का उपयोग किया जाना पाया गया। जिसके कारण उनके खपत में वृद्धि हुई। चूंकि उपभोक्ता बीपीएल श्रेणी के अंतर्गत आते है जिससे वर्ष भर में 1200 यूनिट से अधिक खपत करने के पश्चात कंपनी नियमानुसार उपभोक्ताओं की श्रेणी बीपीएल से घरेलू में स्वत: ही परिवर्तित हो गई। उक्त बात की जानकारी उपभोक्ताओं को दी गई।
उपभोक्ताओं को राहत देते हुए उनके विद्युत देयक का स्लैब में बिलिंग कर बिल की राशि में कमी की गई तथा उपभोक्ताओं को भुगतान हेतु किश्ती की भी सुविधा प्रदान की गई।