बलौदा बाजार
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कसडोल, 8 अक्टूबर। नगर कसडोल सहित ग्रामीण अंचलों में गांव-गांव गली मोहल्लों चौक-चौराहों में भजन कीर्तन जसगीत डीजे के साथ परघनी तथा देर रात तक स्थापना होती रही।
कसडोल क्षेत्र का नगर सहित ग्रामीण अंचलों में इस साल शारदीय नवरात्र श्री दुर्गा पूजा की धूम है। कोरोना काल में गत वर्ष शासन प्रशासन द्वारा रोक लगाने की आस्था पर समय के प्रतिकूल कसक थी। जिसे इस साल उत्साह पूर्ण माहौल में आस्था भक्ति और धर्म के प्रति समर्पण का भाव सनातन धर्मियों को मिंला है। इस वर्ष लोगों में आस्था और उत्साह चरम उत्कर्ष पर है। ग्रामीण अंचल में गांव-गांव आदि शक्ति मां जगदम्बा की मूर्ति स्थापना हुई है।
नगर कसडोल में पचीसों जगह सार्वजनिक मूर्ति स्थापना हुई है। इसी तरह ग्रामीण अंचलों के बड़े-बड़े गांव पीसीद सेल कटगी सरवा हसुवा बलौदा गिधौरी मलदा आदि में एक से अधिक स्थलों पर मूर्ति स्थापना हुई है। वहीं आसपास के गांव असनीद बिलारी खर्री बैगनडबरी कुररहा खरहा बम्हनी सेमरिया कोसमसरा माली डीह खरवे दर्रा मोहतरा चरौदा कोट छाँछी साबर आदि सभी ग्रामों में मूर्ति स्थापित कर सनातनी धर्मावलम्बी अपनी आस्था औऱ समर्पण भाव प्रगट कर रहे हैं।
7 अक्टूबर को बिजली की आंख मिचौली नें निश्चित ही दुर्गा स्थापना में खलल डाला है ।सन्ध्या 7,30 बजे तक बिजली गुल रही, जिसमें मूर्ति लेजाने परघनी स्थापना पूजा आदि में दिक्कत हुई है। क्षेत्र का प्रसिद्ध तीर्थ स्थल पुरातात्विक नगरी बाल्मीकि आश्रम तुरतुरिया जहां फायदा वाली माता काली सन्तान दात्री के नाम पर 3 दिनों का मेला भरता है।
उक्त स्थल पर जहां छत्तीसगढ़ के कोने कोने से ही नहीं देश एवम विदेशी सैलानी भी पहुंचते हैं। प्रदेश के देवालयों के द्वार कोविड नियमो के पालन के शर्तों साथ महीनों से खोल दिया गया है। किंतु उक्त आराध्य तीर्थ स्थल पर पहुंचने के मार्ग बंद कर दिए गए था। जिसे 7 अक्टूबर को मात्र बाइक सवारों के लिए खोला गया। मातागढ़ तुरतुरिया बलौदाबाजार वन मण्डल के वन परिक्षेत्र लवन सामान्य के अंतर्गत आता है ।वह परिक्षेत्र अधिकारी एन के सिन्हा की तानाशाही प्रवृत्ति आतंक से ग्रामीण परेशान हैं ।लोगो द्वारा पूछने पर कि जब प्रदेश में मंदिर देवालयों में दर्शन शुरू है तब यहां रोक क्यों? जिस पर टका सा एक ही जवाब होता था ऊपर का आदेश है।
मिली जानकारी के अनुसार तुरतुरिया विकास समिति तथा आसपास के 25 गांव के लोगों में ठकुरदिया बेरियर उक्त अधिकारी के विरुद्ध आक्रोश चरम पर था तथा 7 अक्टूबर को दुर्गा स्थापना दिवस खुल कर सामूहिक विरोध प्रदर्शन करने की सुगबुगाहट थी ।किन्तु प्रात: से ही बेरियर खुलने तथा बाइक सवार को ही जानें दिया जा रहा है ।क्षेत्र वासियों में रेंजर सिन्हा को तानाशाही का हिसाब लेनें का ग्रामीणों ने मन बना लिया है ।जिसका हिसाब उच्चाधिकारियों एवम शासन प्रशासन से शिकायत कर लेने की बात कही जा रही है।