राजनांदगांव

मंदिरों में मनोकामना के जोत जले
08-Oct-2021 7:50 PM
  मंदिरों में मनोकामना के जोत जले

पंडालों में विराजी मां की प्रतिमाएं, जस गीत से बना भक्ति का माहौल

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

राजनांदगांव, 8 अक्टूबर। नवरात्र के पहले दिन मंदिरों और पूजा पंडालों में आस्था के साथ ज्योति कलश की स्थापना की गई। श्रद्धालुओं ने मनोकामना लेकर पूरे उत्साह के साथ जोत प्रज्जवलित किया।

पिछले डेढ़ साल के बाद यह पहला मौका है, जब कोरोना का असर कम होने से प्रशासन ने मंदिरों में भक्तों को नियमों का पालन करते प्रवेश की अनुमति दी है। ज्योति कलश की स्थापना को लेकर श्रद्धालुओं में उत्साह नजर आया। इधर मां की मूर्तियों की स्थापना पंडालों में की गई। देर रात तक जस गीत के साथ पंडालों में मूर्तियों की स्थापना का सिलसिला चला।

 नौ दिन तक नवरात्रि की धूम पंडालों और मंदिरों में नजर आएगी। हालांकि गरबा और दूसरे धार्मिक आयोजनों को लेकर प्रशासन ने मंजूरी नहीं दी है। सिर्फ मंदिरों और पंडालों में ही देवी दर्शन के लिए भक्त पहुंचेंगे।  इस बीच नवरात्र के दूसरे दिन लोगों ने मंदिरों में पहुंचकर देवी दर्शन किए। नवरात्र पर भक्तों ने कठिन व्रत भी रखे हैं। महिलाएं और युवतियां उपवास के साथ पूजा-अर्चना कर रही है। घरों में भी विशेष पूजा करते हुए भक्त अपनी मनोकामना लिए मां दुर्गा की स्तुति गान कर रहे हैं। रोजाना घरों में दुर्गा की आरती के साथ पूजा-अर्चना की जा रही है। शारदीय नवरात्र का हिन्दू धर्म में विशेष महत्व है। इस बीच विधि-विधान से ज्योति कलश स्थापना के बाद दर्शन के लिए परिवारों का मंदिरों में पहुंचने का दौर शुरू हो गया है। मंदिरों के पुजारी सुबह आरती के साथ पूजा-अर्चना कर भक्तों की मनोकामना पूरी करने मां से गुजारिश कर रहे हैं।  इस बीच मंदिरों के बाहर लंबे समय बाद भक्तों की मौजूदगी से चहल-पहल बनी हुई है। पूजन सामग्रियों की खरीदी-बिक्री शुरू होने से दुकानदारों को भी कमाई का एक अच्छा अवसर मिला है। शहर के शीतला मंदिर, पाताल भैरवी मंदिर, सिंघोला स्थित मां भानेश्वरी मंदिर में प्रसाद कारोबारी को एक तरह से आय मिलना शुरू हुआ है।

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