बलौदा बाजार
दर्शनार्थियों के लिए बना परेशानी का सबब
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कसडोल, 8 अक्टूबर। कसडोल क्षेत्र के पुरात्विक धरोहर को संजोए महर्षि बाल्मीकि आश्रम एवम सदियों पुरानी छत्तीसगढ़ सनातनियों के आस्था की संतान दात्री पहाड़ा वाली मां काली मंदिर में सैकड़ों आस्था के शारदीय अखंड ज्योति प्रज्वलित हो रहे हैं।
छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा महीनों पूर्व देवालयों सांस्कृतिक पर्यटन स्थलों पर कोविड 19 के सुरक्षा सम्बन्धी निर्देशों को पालन करने खोल दिए गए हैं किंतु तुरतुरिया 7 अक्टूबर से पूर्व बंद कर दिया गया था। अभी भी दूर दराज से परिवार सहित 4 पहिया वाहन को ठकुरदिया बेरियर पर रोक दिया जा रहा है।
ठकुरदिया से तुरतुरिया 7 किलोमीटर लवन परिक्षेत्र के अंतर्गत आता है। डब्ल्यूबीएम से बना रोड में यहां से वहां तक 7 किलोमीटर मार्ग जर्जर हालत में है, जिसमें पैदल चलना मुश्किल हो गया है। खासकर उक्त मार्ग पर स्थित 2 घाट बारिश से बुरी तरह क्षतिग्रस्त है। जिसे दर्शनार्थियों के लिए फिलहाल गड्ढों को भरना बहुत जरूरी हो गया है।
इस संबंध में ‘छत्तीसगढ़’ द्वारा वन मण्डलाधिकारी बलौदाबाजार केआर बढ़ई से चर्चा करने पर दर्शनार्थियों के लिए बेरियर खोलने तथा जर्जर सडक़ दोनों घाट को मरम्मत कराने का आश्वासन दिया है।
इस संबंध में परिक्षेत्र अधिकारी लवन एन के सिन्हा से चर्चा करने पर दुर्गम स्थल का मरम्मत कराने डीएफओ से निर्देशित होने तथा तुरन्त मरम्मत कार्य शुरु करने की बात कही है।