कोरिया

शारदेय नवरात्र की धूम, भक्तिभाव में डूबा शहर
10-Oct-2021 5:22 PM
शारदेय नवरात्र की धूम, भक्तिभाव में डूबा शहर

कोरोना गाईडलाइन के कारण पंडालों में नहीं उमड़ रही है भीड़

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बैकुंठपुर (कोरिया) 10 अक्टूबर।
शारदीय नवरात्र की धूम पूरे शहर में देखी जा सकती है। सात अक्टूबर को शुरू हुई इस दिन घट स्थापना के साथ ही माता की पूजा अर्चना विधि विधान के साथ शुरू हुई? पहले दिन माता के शैलपुत्री रूप की पूजा अर्चना की गयी।
 इस बार नवरात्र नौ दिनो का न होकर आठ दिनों की ही है क्योंकि तृतीया तिथि को तृतीया व चतुर्थी तिथि एक साथ पड़ी जिसकी वजह से एक दिन नवरात्र कम हो गई। शनिवार को पंचमी तिथि के अवसर पर सभी पूजा पंडालों में माता की विधि विधान के साथ पूजा अर्चना हुई।

शहर के कई स्थानों पर देवी की मूर्तियां पंडालों में स्थापित की गयी है कोरोना को लेकर जिला प्रशासन द्वारा जारी गाईड लाईन का पालन करते हुए पूजा अर्चना की जा रही है। तृतीया व चतुर्थी तिथि तक पूजा पंडालों में भक्तों की ज्यादा भीड नहीं देखी गयी। एक दो दिनों के बाद सभी पूजा पंडालों में भक्तों की भीड उमडने की संभावना है। कोरोना संक्रमण की वजह से पूजा पंडालों में ज्यादा लोगों को प्रवेश नहीं देना है बल्कि निर्धारित सीमित संख्या में ही लोग शामिल होंगे। इस बात का विशेष ध्यान रखा जा रहा है साथ मास्क के बिना किसी को भी पूजा स्थल में प्रवेश करने की अनुमति नहीं है।

जानकारी के अनुसार सप्तमी तिथि से नवमी तिथि तक सभी स्थानों पर विराजे गये पूजा पंडालों में सबसे ज्यादा भीड जुटती है इस दौरान गाईड लाईन का पालन कराने के बाद ही प्रवेश दिया जायेगा। बहरहाल सभी क्षेत्रों में माता के जसगीत पूजा पंडालों में दिन भर सुनाई दे रहे है और सुबह व शाम के समय आरती में भी भक्तजन पहुंच रहे है। इस दौरान पूरा क्षेत्र भक्तिमय हो गया है। आगामी 14 अक्टूबर को नवमी तिथि है इस दिन कई पूजा पंडालों में कन्या भोज के साथ विशेष रूप से पूजन कार्य होता है। इसके बाद 15 अक्टूबर को हवन पूजन के बाद विसर्जन के लिए सभी स्थानों पर विराजित मूर्तियों को ले जाया जायेगा।

विसर्जन की नहीं निकलेगी झांकी
इस बार कोरोना की वजह से इस बार विसर्जन की झांकी नहीं निकाली जायेगी। जिला प्रशासन ने इस संबंध में दिशा निर्देश जारी कर दिये है। निर्देशों के तहत मूर्तियों को पिकप से बडी वाहन में विसर्जन के लिए नही ले जाया जायेगा, वहीं विसर्जन की झांकी भी नही निकली जायेगी। जिस वाहन में मूर्ति ले जाया जायेगा वह सीधे पंडाल से विसर्जन स्थल रूकेगी। इस दौरान भोग भण्डारा का भी वितरण नहीं किया जायेगा।

अन्य धार्मिक आयोजनों पर भी प्रतिबंध
कोरोना के कारण दुर्गा पूजा स्थल पर किसी अन्य तरह के धार्मिक कार्यक्र्रमों के आयोजन पर भी प्रतिबंध लगाया गया है। इसका उद्देश्य है कि स्थल पर ज्यादा भीड न हो यही कारण है कि अब तक किसी भी पूजा पण्डाल में पूजा अर्चना के अलावा किसी अन्य तरह के धार्मिक आयोजन किसी भी पूजा समिति द्वारा आयोजित नहीं की जा रही है।  
 

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