सरगुजा

प्राचीन आयुर्वेदिक पद्धति से परंपरागत इलाज का प्रचार-प्रसार करने पर जोर
10-Oct-2021 10:55 PM
 प्राचीन आयुर्वेदिक पद्धति से परंपरागत इलाज का प्रचार-प्रसार करने पर जोर

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

अंबिकापुर, 10 अक्टूबर। परंपरागत पद्धति से इलाज करने वाले वैद्यों का राज्य स्तरीय सम्मेलन आज वन विभाग के काष्ठागार सभाकक्ष में औषधि पादप बोर्ड छत्तीसगढ़ के तत्वावधान में आयोजित किया गया। पहली बार रायपुर से बाहर राज्य स्तरीय आयोजित होने वाले इस सम्मेलन में प्रदेशभर के परंपरागत वैद्य पद्धति से इलाज करने वाले वैद्य एकत्रित हुए।

कार्यक्रम में बोर्ड के मुख्य कार्यपालन अधिकारी जे ए सी एस राव ने वन औषधियों के उपयोग के संबंध में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कौन से इलाज में कौन सी जड़ी बूटी का उपयोग किया जाना चाहिए, इसके महत्व को रेखांकित किया।

औषधि पादप बोर्ड के अध्यक्ष बालकृष्ण पाठक ने कहा कि मेरा लक्ष्य है कि छत्तीसगढ़ के वनों में मौजूद वन औषधियों का अधिकाधिक संग्रहण करना, परंपरागत वैध पद्धति को बढ़ावा देना तथा ग्रामीण क्षेत्रों में इलाज करने वाले वैद्यों को बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराना तथा एक सशक्त पहचान देना।

प्राचीन आयुर्वेदिक पद्धति परंपरागत इलाज का प्रचार प्रसार करना व उन्हें बढ़ाना ही मेरा मूल कार्य है।

उन्होंने कहा कि रामायण और महाभारत काल में जो युद्ध होते थे उसमें घायल सैनिकों का रातभर परंपरागत आयुर्वेदिक पद्धति से इलाज होता था और वह ठीक होकर फिर से मैदान में युद्ध लडऩे आ जाते थे। आज के इस युग में इलाज बहुत महंगा हो गया है ऐसे में परंपरागत वैध इलाज को बढ़ावा देना हमारा कर्तव्य बनता है ।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए लुंड्रा विधायक डॉ.प्रीतम राम ने कहा कि जड़ी बूटियों के इस्तेमाल से मरीजों पर उत्पन्न प्रभाव का प्रमाणिक रिकॉर्ड भविष्य में इस पद्धति को वैज्ञानिक स्वरूप दे सकता है इसलिए हमारे वैध भाइयों को चाहिए कि प्रत्येक जड़ी बूटी का नाम, पाई जाने वाली जगह की भौगोलिक स्थिति तथा किसी मरीज के ऊपर उपयोग करने के बाद उसका प्रभाव का आदि जानकारी का रिकॉर्ड बना कर रखना चाहिए।

20 सूत्रीय कार्यक्रम क्रियान्वयन समिति के उपाध्यक्ष अजय अग्रवाल ने वन औषधियों के व्यवसायिक उत्पादन पर ज्यादा जोर डाला उन्होंने बताया कि वन औषधियों के व्यवसायिक खेती से लाखों रुपए की सालाना आमदनी अर्जित की जा सकती है ।

सरगुजा में जड़ी बूटियों का खजाना है बस उसे खोज कर संभाल कर रखने की आवश्यकता है कई जड़ी बूटियां संरक्षित न होने के कारण विलुप्त होने के कगार पर पहुंच गई हैं ।

श्रम कल्याण मंडल के अध्यक्ष शफी अहमद ने कहा कि राज्य में पहली बार पादप बोर्ड के माध्यम से जड़ी बूटियों के प्रचार प्रसार और परंपरागत पद्धति से इलाज करने वाले वेदों को प्राथमिकता और पहचान मिल पा रही है । यह सब पाठक जी के व्यक्तिगत रुचि लेने के कारण हो रहा है आज नगर निगम अंबिकापुर के सभी वार्डों में 30,000 से ज्यादा औषधि पौधे बांटे जा चुके हैं और ज्यादातर उनमें आज भी जिंदा है लोग उन पौधों की देखरेख बहुत ही स्नेह व प्रेम से कर रहे है ।

कार्यक्रम को वृक्ष मित्र ओ.पी. अग्रवाल, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष जेपी श्रीवास्तव, महामंत्री द्वितेंद्र मिश्रा, जिला अध्यक्ष राकेश गुप्ता, मेयर डॉ अजय तिर्की ने भी संबोधित किया । इसके पश्चात वन विभाग के काष्ठागार परिसर में ही अतिथियों के द्वारा औषधि वृक्षों का रोपण किया गया। साथ ही वहां उपस्थित लोगों के मध्य हजारों की संख्या में औषधि पौधों का वितरण किया गया।श्री बाल कृष्ण पाठक ने नगर पालिका क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले सभी वार्डों में घर घर औषधि पौधा पहुंचाने के लिए आज पुन: मेयर डॉक्टर अजय तिर्की को 30,000 अतिरिक्त औषधि पौधे प्रदान किए। पौधे ले जाने वाली वाहन को हरी झंडी दिखाकर अतिथियों ने रवाना किया। कार्यक्रम के दौरान ही औषधि पादप बोर्ड के अध्यक्ष पाठक का जन्मदिन भी धूमधाम से मनाया गया।

इस कार्यक्रम में ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष हेमंत सिन्हा, सत्येंद्र तिवारी, मोहम्मद इस्लाम,सैय्यद अख्तर हुसैन, अनूप मेहता, अशफाक अली, मोहम्मद कलीम अंसारी, मदन जयसवाल, अनिल सिंह, गुड्डा सिंह, संध्या रवानी ,मधु दीक्षित, हेमंती प्रजापति, शकीला पार्षद गण शमा परवीन, गीता श्रीवास्तव ,गीता रजक, नुजहत फातिमा,सतीश बारी, फोजिया नसीमा शेख ,इंद्रजीत सिंह धनजल ,प्रमोद चौधरी, रजनीश सिंह, अमित सिंह, हिमांशु जयसवाल, सतीश बारी , अजय सिंह,विकल झा, सहित बहुत से ग्रामवासी उपस्थित थे।

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