दुर्ग

‘बढ़ते चलो निर्भय होकर’ पर आध्यात्मिक व्याख्यान
11-Oct-2021 5:59 PM
‘बढ़ते चलो निर्भय होकर’ पर आध्यात्मिक व्याख्यान

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दुर्ग, 11 अक्टूबर।
प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय में ज्ञान वर्षा नवरात्रि अध्यात्मिक प्रवचन माला बढ़ते चलो निर्भय होकर इस विषय पर  आध्यात्मिक व्याख्यान का आयोजन हुआ, जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में समाज कल्याण विभाग के उपसंचालक डीपी ठाकुर और समाज कल्याण विभाग परिवीक्षा अधिकारी कमलेश पटेल सम्मिलित हुए।
 

इस कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका रूपाली बहन और मुख्य वक्ता के रूप में ब्रह्माकुमारी चैतन्यप्रभा बहन सम्मिलित हुईं। इस कार्यक्रम की अध्यक्ष और स्वागत भाषण करते हुए वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका ब्रम्हाकुमारी रूपाली बहन बढ़ते चलो निर्भय होकर इस विषय पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि  ज्ञान को लाइट और माइट कहा जाता है, अध्यात्मिक ज्ञान हमें हर परिस्थिति को सामना करने की शक्ति देता है। औपचारिक शिक्षा हमारे जीवन निर्वाह के लिए पर्याप्त होता है और जरूरी भी है किंतु आध्यात्मिक शिक्षा हमें भाग्यवान बनाता है, भाग्यवान का अर्थ है हम हर परिस्थिति में  शांत और संतुष्ट रहते हैं। अध्यात्मिक ज्ञान से हमें परिस्थितियों का सामना करने की शक्ति  आती है।

इसलिए आज के चुनौतीपूर्ण परिस्थिति में हमें अध्यात्मिक ज्ञान को अपने जीवन में अपनाने की महती आवश्यकता है, तभी हम आज की चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों का सामना कर सकेंगे आपने अपनी भावनाओं से भरे हुए शब्दों से अतिथियों का स्वागत किया और आए हुए सैकड़ों सैकड़ों श्रोता गणों से इस कार्यक्रम का पूरा लाभ लेने का आग्रह किया।

मुख्य वक्ता ब्रह्माकुमारी चैतन्य प्रभा ने बताया कि आज हम नवरात्र में देवियों के सामने शक्ति मांगते हैं जबकि हमारे अंदर शक्तियां खुद ही विद्यमान है, लेकिन उनका ज्ञान नहीं होने के कारण से हम देवियों से मांगते हैं देवों की मूर्तियों में हम देखते हैं कि उनके चेहरे में दिव्यता है और उनके हस्तों में अनेक प्रकार के अस्त्र-शस्त्र वास्तव में सभी  ज्ञान के विभिन्न शक्तियों का प्रतीक है और असुरों को उसके पैर में दिखाते हैं, क्या उसका संहार करते दिखाते हैं वह वास्तव में हमारे अंदर मन में व्याप्त आसुरी संस्कारों को खत्म करने का एक प्रतीक मात्र है।

वास्तव में देवियां अहिंसक होती है।
अगर किसी चित्रकार को या मूर्तिकार को कहा जाए कि आप दिव्य शक्तियों द्वारा आसुरी शक्तियों के संहार का एक मूर्ति या चित्र बनाओ तो वह इसे इस प्रकार ही  चित्र अंकित करेगा आज हम अपने आसपास के हो रहे घटनाओं को देखकर भयभीत रहते हैं कि कहीं मेरे साथ भी यह घटना न घट जाए जबकि वह कल्पना मात्र ही होता है।

वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका चैतन्य प्रभा ने सभा को 3 मिनट का राजयोग मेडिटेशन अनुभव भी कराया। मुख्य अतिथि डीपी ठाकुर ने कार्यक्रम के प्रति अपनी शुभकामनाएं दी और ब्रम्हाकुमारीयों के साथ का अपना अनुभव साझा करते हुए कहा कि इन बहनों द्वारा दिया गया आत्म व परमात्म ज्ञान जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाता है और मन को शक्तिशाली बनाता है।

इस कार्यक्रम में विशेष अतिथि के रुप में पधारे हुए कमलेश पटेल परिवीक्षा अधिकारी समाज कल्याण विभाग ने कहा कि ब्रह्माकुमारी ईश्वरी विश्वविद्यालय में बहुत बार आना हुआ और बहनों  द्वारा हमारे विभाग के कई कार्यक्रमों में सहयोग मिला जैसे नशा मुक्ति अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस और ऐसे भी कई कार्यक्रमों में संस्था का सहयोग मिलता ही रहता है। उन्होंने आगे कहा कि चैतन्य प्रभा बहन जी द्वारा जो राजयोग मेडिटेशन का अनुभव कराया गया उससे मुझे बहुत हल्कापन का अनुभव हुआ और गहन शांति  की अनुभूति हुई इससे पता चलता है कि अगर 3 मिनट के अनुभव से हमारे मन में इतनी गहन शांति की अनुभूति होगी तो अगर हम हर रोज सुबह शाम राजयोग मेडिटेशन का अभ्यास करेंगे तो निश्चित तौर पर हम भय और चिंता से मुक्त हो जाएंगे।
कार्यक्रम का संचालन ब्रह्मकुमार दाऊ राम द्वारा किया गया व कुमारी कशिश द्वारा सुंदर नृत्य की प्रस्तुति दी गई। इस कार्यक्रम में दुर्ग शहर से सैकड़ों की संख्या लोग सम्मिलित हुए।
 

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