रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 11 अक्टूबर। लखीमपुर खीरी की घटना के विरोध, और केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा व योगी सरकार की बर्खास्तगी की मांग को लेकर सोमवार को कांग्रेसजनों ने मौन व्रत रखा। प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम और दंतेवाड़ा विधायक देवती कर्मा दंतेवाड़ा में दो घंटे का मौन धारण किया। कांग्रेस के मौन व्रत पर भाजपा ने तंज कसा है। पूर्व मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि मरकाम की कोई सुनता नहीं। ऐसे में उनके मौन व्रत का क्या औचित्य है।
लखीमपुर खीरी हिंसा में किसानों की मौत के मामले पर राजनीति गरम है। कांग्रेस पूरे देशभर में प्रदर्शन कर रही है। छत्तीसगढ़ में प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम धरने पर बैठे। उनके साथ देवती कर्मा और कांग्रेस के पदाधिकारी भी थे। कांग्रेस की मांग केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा को बर्खास्त करने की है। साथ ही यूपी सरकार की बर्खास्तगी की मांग की गई है। कांगे्रस ने सभी जिलों में मौन धरना दिया। रायपुर में अंबेडकर प्रतिमा के सामने पूर्व मंत्री सत्यनारायण शर्मा और विकास उपाध्याय की अगुवाई में कांग्रेसजन धरने पर बैठे।
दूसरी तरफ, पूर्व मंत्री केदार कश्यप ने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम के मौन व्रत को राजनीतिक नौटंकी करार देते हुए कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष मरकाम को स्वयं उनके विधायक मंत्री व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल गम्भीरता से नहीं लेते कोई उनकी नहीं सुनता ऐसे में उनका मौन व्रत केवल राजनीतिक नौटंकी और अपने आपको कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष होने का अहसास करवाने का प्रयास हैं।
उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के कांग्रेस विधायक दिल्ली शक्ति प्रदर्शन के लिए जाते हैं मोहन मरकाम को पता नहीं होता वे वीडियो जारी कर अपील करते हैं कोई गंभीरता से नहीं लेता उल्टे महापौर, निगम मण्डल अध्यक्षों की दिल्ली जाने कतार लग जाती हैं और कांग्रेस अध्यक्ष अपील करते ही रह जाते हैं यही कांग्रेस अध्यक्ष के अस्तित्व पर भी सवाल खड़ा करता हैं फिर उनके मौन व्रत का क्या औचित्य।
पूर्व मंत्री और भाजपा प्रवक्ता केदार कश्यप ने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम से सवाल करते हुए कहा कि कहीं वे छत्तीसगढ़ में चल रही कुर्सी की लड़ाई के बीच चन्नी की भूमिका में अपने आपको तो नहीं देख रहे हैं? और इसी लिए मौन व्रत की राजनीतिक नौटंकी में लगे हैं। उन्होंने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष से मौन व्रत के औचित्य पर सवाल उठाते हुए उन्हें पदयात्रा के दौरान जनता के पास जा कुर्सी की लड़ाई के चलते छत्तीसगढ़ के विकास को बाधित करने के लिए जनता से माफी मांगने की नसीहत दी हैं।