बलौदा बाजार

धान फसलों में तरह-तरह की बीमारियों का प्रकोप आर्थिक संकटों से जूझ रहे परेशान किसान
13-Oct-2021 4:02 PM
धान फसलों में तरह-तरह की बीमारियों का प्रकोप आर्थिक संकटों से जूझ रहे परेशान किसान

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कसडोल, 13 अक्टूबर।
क्षेत्र में खरीफ फसल धान की हालत ने किसानों की कमर तोड़ दिया है। कभी अत्यधिक बारिश की वजह से बोनी का काम पिछड़ा, तो कभी बारिश की लंबे समय तक दगाबाजी ने फसल की स्थिति सूखे खेतों ने बिगाड़ दिया था। ऐसी विषम परिस्थितियों से जूझ कर किसान स्थिति सम्हाल पाया कि अब तरह-तरह की बीमारियों ने किसान को परेशान कर रखा है।

कसडोल तहसील क्षेत्र में कृषि विभाग से मिली जानकारी के अनुसार 2 नगर पंचायत कसडोल टूण्डरा सहित 230 ग्रामों में करीब 42500 हेक्टेयर कृषि भूमि में खरीफ फसल धान की खेती हुई है। प्रारम्भ में 15 जून से जुलाई के प्रथम सप्ताह तक अत्यधिक बारिश के कर्ण बोनी का काम का काम पिछड़ गया था। क्षेत्र में जहां 60 प्रतिशत खुर्रा बोनी होता था, लगातार बारिश के कारण उतने ही प्रतिशत लेईहरा बोनी किया गया है।

 कृषि साख सहकारी समितियों में इस साल किसानों को खाद पर्याप्त मात्रा में ठीक समय पर उपलब्ध नहीं हो सका। जिसके कारण व्यापारियों से कमोवेश यूरिया दुगुने दाम पर खरीदना पड़ा है। इसी तरह बारिश का संतुलन बिगडऩे से घास फूस की अधिकता से  दोबारा निदाई करना पड़ा। कुल मिलाकर किसान खेतों को सुधार तथा संवार चुका है। फसल की स्थिति सन्तोष जनक है।

कसडोल क्षेत्र के प्राय: सभी क्षेत्रों में कुछ न कुछ बीमारियों का प्रकोप है। किंतु मैदानी क्षेत्रों में जहां सिंचित रकबा की फसल है। वहां बीमारियों का ज्यादा प्रकोप है। उदाहरण के लिए बलार जलाशय से सम्बद्ध कसडोल नगर सहित आसपास के गांव असनीद हटौद खर्री बिलारी कुररहा बैगनडबरी खरहा बम्हनी सेमरिया कोसमसरा खरवे मोहतरा दर्रा छरछेद छांछी पीसीद सेल साबर सरवा कटगी बैजनाथ आदि 25 गांवके किसान बीमारी से त्रस्त हैं।

इसी तरह अर्जुनी व्यपवर्तन योजना जोक से सिंचित गिरौदपुरी मानकोनी दर्रा कोट डेराडीह अमोदी सुकली बरेली कौआताल मटिया मंडवा कोटियाडीह धमलपुर हसुवा बलौदा गिधौरी टुंड्रा कुम्हारी आदि 30-40 गांव की फसलों में बिमारी का प्रकोप अधिक है, जिसमें दूध भराई से लेकर धान निकलते तक तनाछेदक भूरा माहो फंगस बंकी रोग झुलसारोग आदि बीमारियों से किसान को जूझना पड़ा है। खेत की फसल को बचाने तरह-तरह के कीट नाशक दवाओं का किसानों को छिडक़ाव करना पड़ा है।

पूरे क्षेत्र की धान फसलों में बालियां निकल चुकी है। कुल मिलाकर वर्षा की दगाबाजी खादों के महंगाई मजदूरों की अधिकता तथा बीमारियों के चलते किसानों से मिली जानकारी के अनुसार उत्पादन में कमी की संभावना व्यक्त किया है। अक्टूबर पश्चात हल्के किस्म के धान की कटाई जोरों पर शुरू हो जाएगी। जिसके बाद गरहूंन धन की कटाई जोरों से शुरू हो जाएगी।
 

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