दुर्ग

पानी भरे खेतों में धान के पौधे गिरे बदरा होने की आशंका बढ़ी
13-Oct-2021 5:32 PM
पानी भरे खेतों में धान के पौधे गिरे बदरा होने की आशंका बढ़ी

मौसम की मार से किसान परेशान

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
उतई, 13 अक्टूबर।
किसानों को हमेशा मौसम की मार झेलना पड़ता है। यह मौसम कभी किसानों के लिए अनुकूल हो जाता है, तो खेती किसानी में मदद मिल जाती है, लेकिन अधिकांश मौसम किसानों की खेती के प्रतिकूल होता है और इसी प्रतिकुलता में बिना शिकायत के अपनी खेती करता है।

इस खरीफ सीजन में यह प्रतिकूलता और बढ़ गई है। इसी कारण किसान आर्थिक रुप से कमजोर होने लगे है। सरकार हरसंभव प्रयास कर रही है किसानों को आर्थिक रुप से समृद्ध बनाने की लेकिन मौसम की मार किसानों को ऐसा होने नहीं दे रही है। आवारा पशु बरहा बंदर और यह अब प्रतिकुल मौसम किसानों के लिए सिर दर्द बन गया है।

मौसम की प्रतिकूलता ने खेतों में बढ़ाई बीमारी
बोनी के समय जहां किसान अधिक वर्षा होने से बुआई नहीं कर पाये और थक हार कर जैसे तैसे छिडक़ा पद्धति (लाई चोपी ) विधि से धान की बुआई किये फिर बुआई होने के बाद वर्षा नहीं होने से खेत खरपतवार पट गये ।उसके लिए निंदाई कराने गाँव में मजदूर नहीं मिलने पर दूर गांव से 150 रुपये प्रति मजदूर मजदुरी व गाड़ी किराया अलग से देकर निंदाई करवाये, लेकिन ठीक उसी समय अनुकूल वर्षा भी हुई और जैसे ही खेतों में धान अच्छा दिखने लगे और धानों में बाली आनी शुरू हुई कि आसमान में लगातार बादल छाने और वर्षा होने से खेतों में माहू ब्लास्ट तना छेदक फंगस जैसे अनेक बीमारियां आनी शुरु हो गई। अब किसान इससे बचने के लिए फिर कीटनाशक दवाई का छिडक़ाव कर रहे है।

हरहुना धान बारिश के पानी में डूब गए  
ग्राम सेलुद के किसान बालमुकुद यदु ने बताया, मैं अपने खेत में आई आर 64 धान लगाया है। धान पूरी तरीके से पक गया है लेकिन अभी हाल में वर्षा होने से खेत में पानी भरा हुआ है। खेत का पानी निकालने के लिए एक सप्ताह पहले खेत में डीजल पंप लगाकर पानी खेत से बाहर किया था ताकि धान अच्छा से पके और नुकसान न हो लेकिन कल हुए वर्षा से खेतों में पुन: पानी भर गया है और धान का फसल उसी पानी में डूब गया है। धान पौधा गिरने से बाली पानी में डुबा हुआ है और सभी डूबे हुए धान सड़ जायेगा और सुखने पर बदरा हो जायेगा, जिससे फसल उत्पादन प्रभावित होगा।

सेलूद के किसान बसंत चंद्राकर ने बताया कि पानी की कमी को देखते हुए अपने 30 एकड़ के खेत में हरहुना किस्म के धान लगाये है। सभी धान पक चुके हंै। धान का पौधा पीला भी हो गया है, लेकिन इस समय वर्षा होने से खेतों में पानी रुक गया है, और फसल खराब हो रहे हे। जमीन शीघ्र सुखने की स्थिति पर हारवेस्टर से कटाई कराने की जरुरत है।
 

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