सरगुजा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रामानुजगंज,13 अक्टूबर। रामचंद्रपुर विकासखंड के ग्राम पंचायत आरागाही के युवा उद्यमी सच्चिदानंद तिवारी इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के बाद कई मल्टीनेशनल कंपनियों में काम करने के बाद अब किसानों को विविध प्रकार के पौधे उपलब्ध कराकर करोड़पति बनने के गुर सिखा रहे हैं।
श्री तिवारी के द्वारा देश के विभिन्न हिस्सों एवं विदेश से मंगा कर कई दुर्लभ प्रकार की पौधे उपलब्ध करा रहे हैं, जो बेशकीमती होने के साथ-साथ कई प्रकार के औषधीय गुणों से भरपूर है। यही नहीं किसान अपने खेतों की मेड़ों में लगाकर अच्छी खासी कमाई कर सकते हैं।
युवा उद्यमी सच्चिदानंद तिवारी ने बताया कि किसान रबी एवं खरीफ की फसल लेने के साथ-साथ अपने खेत की मेड़ों में विविध प्रकार के पौधे लगाकर अच्छी खासी कमाई कर सकते हैं। श्री तिवारी ने बताया कि कई ऐसे दुर्लभ प्रकार के पौधे हैं, जो लगाने के कुछ वर्षों के बाद किसानों की आर्थिक स्थिति काफी सुदृढ़ कर सकते हैं। श्री तिवारी ने कहा कि इसके लिए किसानों को कोई अतिरिक्त से मेहनत करने की आवश्यकता नहीं पड़ती, सिर्फ वे अपने मेड़ों में यदि पौधों को लगा दे तो आने वाले समय में वे उन्हें समृद्ध बनाएंगे।
महोगनी लगाए जाने की दे रहे हैं सलाह
युवा उद्यमी सच्चिदानंद तिवारी किसानों को महोगनी लगाने की सलाह दे रहे हैं। उनका कहना है कि महोगनी को बहुत ही कीमती पेड़ के रूप में जाना जाता है। यह ऐसा पेड़ है, जिसके सभी भागों का उपयोग में लाया जाता है। महोगनी पेड़ खासकर व्यापारिक उद्देश्य के लिए होता है, यह अत्यधिक मजबूत और टिकाऊ पेड़ होता है, इसलिए इसका इस्तेमाल जहाज कीमती फर्नीचर प्लाईवुड सजावट की वस्तुएं और मूर्तियां को बनाने में होता है। यह एक औषधीय पौधा भी है, इसलिए इसके बीजों और पुलों का इस्तेमाल शक्तिवर्धक दवाइयों को बनाने में होता है। श्री तिवारी ने कहा कि यदि किसान इसे लगाते हैं तो 12 साल बाद एक बीघा में सवा करोड़ रुपए कमा सकते हैं।
विश्व का सबसे महंगा पौधा अगर भी है उपलब्ध
सच्चिदानंद तिवारी ने बताया कि विश्व का सबसे महंगा माना जाने वाला पेड़ अगर का पौधा भी वह लोगों को उपलब्ध करा रहे। इसका विविध औषधीय प्रयोग एवं अन्य कई प्रकार के प्रयोग किया जाता है।
इसके अलावा श्री तिवारी दुर्लभ प्रकार के पौधे लक्ष्मी कमल, विष्णु कमल,कुबेर,आच्छी रुद्राक्ष अगर सहित कई दुर्लभ प्रकार के पौधे लोगों को उपलब्ध करा रहे हैं, जो किसानों को आर्थिक रूप से सुदृढ़ बना सकते हैं। सच्चिदानंद तिवारी के द्वारा देश के विभिन्न कोनों से पौधे मंगाए गए हैं, वहीं विदेश से भी पौधे आ रहे हैं।