बलौदा बाजार
280 रुपये से लेकर 350 तक बिक रही
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदाबाजार, 14 अक्टूबर। सीमेंट संयंत्रों द्वारा वाहन का भाड़ा नहीं बढ़ाए जाने के कारण ट्रक ऑपरेटरों और ट्रांसपोर्टरों 3 सितंबर से बेमुद्दत हड़ताल पर चले गए हैं, जिससे सीमेंट का शॉर्टेज हो गया है। 280 रुपये में मिलने वाली सीमेंट बोरी 320-350 रुपए तक बिक रही है।
छत्तीसगढ़ सीमेंट ट्रांसपोर्टर एसोसिएशन के महासचिव संजीव सिंह ने बताया कि जिले में ट्रक ऑपरेटर यूनियन की हड़ताल के 40वें दिन मंगलवार तक 200 करोड़ रुपए से भी अधिक का कारोबार प्रभावित हो चुका है।
ट्रकों के माध्यम से 40 हजार टन रोज संयंत्रों से डिस्पैच होने वाला सीमेंट डम्प हो रहा है। स्थानीय सीमेंट संयंत्रों में ही सीमेंट ढुलाई करने वाली 3000 ट्रकेें दो माह से खड़ी हैं।
सभी सीमेंट संयंत्रों के गेट के पास भाड़ा बढ़ाने की मांग को लेकर ट्रक यूनियन का धरना-प्रदर्शन जारी है। कंपनियों भी भाड़ा बढ़ाने की बजाय अपने रेलवे ट्रैक से ढुलाई कर रही है। श्री सीमेंट वह न्यू विस्टा जैसे सीमेंट कंपनियों में उत्पादन बंद करना पड़ा है, क्योंकि उनके पास अपना रेलवे ट्रैक नहीं है।
5 सालों में 100 रुपये बढ़े सीमेंट के दाम और भाड़ा 10 भी नहीं बढ़ा
छत्तीसगढ़ के सभी ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन की कोर कमेटी के अध्यक्ष अचल भाटिया का कहना है कि 2017 में जब डीजल का रेट 600 था, तब बलौदाबाजार से रायपुर का भाड़ा 340 प्रति टन था 66 लीटर डीजल भरवाते हैं, खर्चा आता था 4422 और भाड़ा मिलता था 8500, मगर अब 380 के हिसाब से रायपुर का भाड़ा 9500 बनता है और 6600 के डीजल खर्च के बाद बचे 2900 में ड्राइवर खलासी के 1000 व 11 सौ रुपए रोड टैक्स फिटनेस परमिट के काटने के बाद हमारे हाथ में जो 800 बसता है वह भी मेंटेनेंस में खर्च हो जाता है।
बलौदाबाजार ट्रक मालिक संघ के अध्यक्ष रितेश ठाकुर का कहना है कि पिछले 5 सालों में कंपनियों ने 100 रुपये बोरी तक दाम बढ़ाए हैं, मगर हमें 10 भाड़ा बढ़ाकर भी नहीं दे रहे हैं।
100 अतिरिक्त खर्चा आ रहा है हम सिर्फ 60 मांग रहे हैं-संजय
छत्तीसगढ़ सीमेंट ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय शुक्ला ने कहा कि डीजल की कीमत बढऩे से हमें 100 टन के पीछे अतिरिक्त खर्च आ रहा है। हम कंपनियों से सिर्फ 60 मांग रहे हैं, मगर वह भी देने को तैयार नहीं।
वहीं सीमेंट प्रबंधकों का कहना है कि मार्च में ही हमने परिवहन मंत्री की मध्यस्थता में 12 प्रतिशत भाड़े में बढ़ोतरी कर दी थी इधर, सीमेंट की कमी होने से बड़ी कंस्ट्रक्शन कंपनियों ने काम बंद करवा दिया है। शहर में कई सरकारी और निजी निर्माण कार्य बंद हंै।
टे्रन के जरिए दूसरे जिले में भेज रहे हैं माल
भाड़ा बढ़ाने की मांग को लेकर चल रही ट्रक वालों की हड़ताल का पहला बड़ा असर यह हुआ है कि जिले में सीमेंट की भारी कमी हो रही है। ट्रक वालों ने सीमेंट कंपनियों से लोडिंग अनलोडिंग बंद कर दी है। अंबुजा न्यूको अल्ट्राट्रेक अपने रेलवे ट्रैक से आसपास के जिलों में माल भेज कर वहीं के उन लोकल ट्रांसपोर्टरों से माल मंगवा रही है, जो हड़ताल में शामिल नहीं है, जो सीमेंट संयंत्रों से बलौदाबाजार तक 280 टन में आता था, वह अब 14 सौ टन में आ रहा है। ऐसे में कंपनियां भी अपने डीलरों को तीन सौ और 305 में से सीमेंट दे रही है और डीलर उसे 320 से 330 तक बेच रहे हैं।
ट्रक एसोसिएशन और सीमेंट संयंत्रों के बीच भाड़े को लेकर चल रही इस लड़ाई में सबसे बड़ा नुकसान आम जनता का हो रहा है।