दुर्ग
आठ टीम कर रही तलाश, जल्द पकडऩे का दावा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
भिलाई नगर, 14 अक्टूबर। गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू कल जिस समय जिले के अधिकारियों की बैठक ले रहे थे, उसी दौरान दुर्ग शहर के व्यस्ततम इलाके में बाइक सवार तीन लुटेरे लूटकर भाग गए। लुटेरों ने पिस्टल टिकाकर बैंक के कैशियर से स्कूटी समेत 15 लाख रुपए लूट लिए। घटना के 24 घंटे बाद भी आरोपियों का कोई सुराग नहीं मिला है। पुलिस ने टीम गठित कर आस-पास में लगे सीसीटीवी कैमरे के फुटेज को खंगाला है। एक जगह तीनों आरोपियों को कैमरे ने कैद कर लिया है।
मोहन नगर टीआई जितेन्द्र वर्मा ने बताया कि घटना बुधवार को सुबह 10:15 बजे पोलसाय पारा लक्ष्मीनारायण मंदिर के पास की है। कसारीडीह ब्रांच इंडियन बैंक का हेड क्लर्क राहुल चौहान ने सुबह 10 बजे संतराबाड़ी उजाला भवन के पास स्थित इंडियन बैंक के मुख्य ब्रांच से 15 लाख रुपए निकाला और रूपयों से भरा बैग स्कूटी की डिक्की में रख कसारीडीह के लिए निकल गये। पोलसाय पारा में मंदिर के पास पहुंचने पर पीछे से काले रंग की बाइक पर सवार तीन नकाबपोश पहुंचे और फिल्मी स्टाइल में गाड़ी के सामने बाइक अड़ाते हुए पसली के पास पिस्टलनुमा हथियार सटा दिया। गाली देते हुए उसे स्कूटर से नीचे उतारा। दूसरा नकाबपोश स्कूटी पर बैठ कर निकला और उसके पीछे बाइक सवार भी भाग गए।
घटना की जानकारी मिलते ही दुर्ग कोतवाली टीआई भूषण एक्का और मोहन नगर टीआई जितेन्द्र वर्मा मौके पर पहुंचे। मामले की तहकीकात की तो घटना सही मिली। इसके बाद आरोपियों की तलाश में जुट गए। रास्ते के 12 सीसीटीवी फुटेज को खंगाला गया। बैंक के आस पास तीन सीसीटीवी कैमरे में नकाबपोश कैद हुए हैं। लूटेरों के बाइक का नम्बर 0724 है जबकि लूट के शिकार कैशियर की स्कूटी का नंबर सीजी 07 एएस 1145 है, जिसे लूटेरे लेकर फरार हुए हैं। आरोपी घटना को अंजाम देकर ग्रीन चौक से स्टेशन की तरफ भागे हैं।
पुलिस के मुताबिक पोलसाय पारा दुर्ग कोतवाली में आता है, जहां पर नकाबपोशों ने कैशियर के साथ लूट की घटना को अंजाम दिया, जबकि मोहन नगर थाना क्षेत्र में इंडियन बैंक स्थित है, जहां से वह रुपए लेकर स्कूटी में निकला था। इस वजह से पहले पुलिस थाना सीमाओं में भी उलझी, अंतत: मामले में जांच शुरू हुई। मोहन नगर पुलिस ने मामले में धारा 394, 34 के तहत प्रकरण दर्ज किया है।
पुलिस के मुताबिक लूट की वारदात को अंजाम देने वाला गिरोह बाहरी है। उत्तरप्रदेश और बिहार के आरोपी हो सकते हैं, जो इस तरह की घटना को अंजाम देते हैं। इनका लोकल कनेक्शन बहुत तगड़ा होता है। उसी के आधार पर घटना को अंजाम देकर दूसरे शहर में निकल जाते हैं। अक्सर गिरोह के लोग त्यौहारी सीजन में अपनी सक्रियता बढ़ाते हैं। छोटे बैंकों को निशाना बनाकर लूट की वारदात को अंजाम देते हैं। यदि गिरोह को जल्द नहीं पकड़ा गया तो यह दूसरे शहरों में भी लूट की घटना को अंजाम दे सकते हैं।
गौरतलब हो कि इंडियन बैंक की छोटी शाखाओं का कलेक्शन हर दिन शाम को दुर्ग की मुख्य ब्रांच में जमा किया जाता है। दूसरे दिन सुबह वही कैश बैंक कर्मचारियों द्वारा अपने-अपने ब्रांच ले जाया जाता है। कसारीडीह ब्रांच के कैशियर राहुल चौहान भी इसी तरह अपने ब्रांच का पैसा लेने हर दिन मुख्य ब्रांच जाते थे। इतना कैश ले जाने के लिए वह स्कूटी के डिक्की का प्रयोग करते रहे हैं।
बैंक अधिकारियों ने पुलिस को बताया कि 10-15 लाख रुपए कैश तो ऐसे ही ले जाते हैं। इसके पहले कभी ऐसी घटनी नहीं हुई है। जब बैंक के अधिकारियों से लूट के संबंध में पूछताछ की गई तो उन्होंने कोई भी जवाब देने से मना कर दिया।
इंडियन बैंक के वरिष्ठ महा प्रबंधक मोजेस प्रदीप सिंह का मीडिया से यह कहना था कि इस मामले में उच्च अधिकारियों से सवाल जवाब करिए, वह कुछ भी नहीं बोल सकते।
एएसपी शहर संजय ध्रुव ने बताया कि आरोपियों की तलाश की जा रही है। इसके लिए आठ टीम बनाई गई है। सीसीटीवी कैमरे, मोबाइल लोकेशन, जेल से छूटने वाले अपराधियों की मौजूदगी, गाडिय़ों की डिटेल समेत अन्य टॉस्क पर टीम जांच कर रही है। आरोपी जल्द पकड़ लिए जाएंगे।