सरगुजा
कोठीघर में मंत्री सिंह देव व राज परिवार के लोग करेंगे आम जनों से मुलाकात
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
अम्बिकापुर,14 अक्टूबर। सरगुजा राज परिवार के परम्परा अनुसार इस वर्ष शारदीय नवरात्र पर 13 अक्टूबर को रात्रि 11.42 पर कुलदेवी मां महामाया मंदिर में राजपरिवार के सदस्य राजकुमार आदित्येश्वर शरण सिंह देव ने मां महामाया की विशेष श्रृंगार पूजा, संधि पूजा कर परिवार सहित सरगुजा एवं प्रदेश के खुशहाली की कामना की।
मां महामाया मंदिर में अष्टमी एवं नवमी के संधि अवसर पर प्रत्येक वर्ष शारदीय नवरात्र में यह पूजा की जाती है, इस पूजा का विशेष महत्व है। पूर्व में यह पूजा महाराजा टी.एस. सिंह देव द्वारा की जाती रही है। प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री टी.एस. सिंह देव व्यस्तता के कारण समय पर सरगुजा नहीं पहुंच पाये, जिसके कारण उनके उत्तराधिकारी आदित्येश्वर शरण सिंह देव ने पारिवारिक परम्परा का निर्वहन करते हुए मां महामाया का विशेष श्रृंगार पूजा व संधि पूजा की। इस अवसर पर राजपरिवार के विशेष पुरोहित, मां महामाया मंदिर के प्रमुख पुजारी, वनोषधि बोर्ड के अध्यक्ष बालकृष्ण पाठक, ब्लॉक कांग्रेस के अध्यक्ष हेमंत सिन्हा सहिंत काफी लोग उपस्थित रहे। मां महामाया की पूजा-अर्चना पश्चात मां समलाया की पूजा की गई, तत्पश्चात सरगुजा पैलेस में द्वार पूजा सम्पन्न हुई।
विगत वर्ष कोरोना महामारी के कारण श्री रघुनाथ पैलेस(सरगुजा पैलेस) में दशहरा पर आमजनों से मिलने के क्रम को रोक दिया गया और सरगुजा पैलेस को आमजनों के लिए बंद रखा गया था।
ज्ञात हो कि सरगुजा पैलेस को देखने व महाराजा के दर्शन हेतु प्राचीन परम्परा अनुसार लोग दूर-दूर से ग्रामीण क्षेत्रों से यहां पहुंचते हैं, जिससे पैलेस में काफी भीड़ उमड़ती है। इस वर्ष भी कोरोना महामारी के प्रोटोकॉल के पालन के तहत सरगुजा पैलेस को आमजनों के लिए बंद रखा जाएगा, किन्तु सरगुजा महाराजा एवं स्वास्थ्य मंत्री टी.एस. सिंह देव, उनके अनुज अरुणेश्वर शरण सिंह देव एवं भतीजे आदित्येश्वर शरण सिंह देव आमजनों से दोपहर 2.30 बजे से कोठीघर में मुलाकात करेंगे। पैलेस में प्रवेश एवं निकास का रास्ता एक होने से बढऩे वाली भीड़ को ध्यान में रखते हुए कोरोना गाईड लाईन के पालन हेतु ऐसा फैसला लिया गया है।
दशहरा के अवसर पर पैलेस में पारंपरिक पूजा सम्पन्न होगा, किन्तु वह आमजनों के लिए बंद रखा जाएगा। आमजन कोठीघर में सरगुजा महाराजा एवं स्वास्थ्य मंत्री टी.एस. सिंह देव, उनके अनुज अरुणेश्वर शरण सिंह देव एवं भतीजे आदित्येश्वर शरण सिंह देव से मुलाकात कर सकते हैं।