दुर्ग
एक शताब्दी से तर्रा पाटन में हो रहा रामलीला का आयोजन
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
भिलाईनगर, 16 अक्टूबर। ग्राम तर्रा में विजय दशमी पर्व पर रामलीला का मंचन का भार गांव की बेटियों ने अपने कंधों पर उठा लिया है और बेटियों की इस महती जवाबदारी को गांव के बड़े बुजुर्ग अपना मार्गदर्शन देकर परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं।
ग्राम तर्रा पाटन में समस्त ग्रामवासियों ने राम लीला को खूब पसंद किया और बेटियों की इस नई भूमिका को ग्रामीणवासियों के द्वारा सराहा जा रहा है।
रामलीला छत्तीसगढ़ में हर गांव में कराया जाता है । तर्रा गांव की बेटियां कर रही नेतृत्व ताकि रामलीला परंपरा जीवित रहे। गांव के बड़े बुजुर्गों का साथ ही दिशा निर्देश मिल रहा है।दशहरा उत्सव समिति तर्रा विगत 100 वर्षों से चली आ रही गांव के परंपरा को अनवरत आगे बढ़ाते हुए जा रहे हैं।
अधर्म पर धर्म की जीत, बुराई पर अच्छाई की जीत का संदेश देते हुए राष्ट्रीय सामाजिक कार्यों में सदा सहयोग के लिए तत्पर हैं।
श्री गोस्वामी तुलसीदास द्वारा रचित रामचरितमानस को आधार मानकर हिंदू परंपरा में रामलीला का मंचन गांव की बेटियों ने उठाया ताकि परंपरा अनवरत चलती रहे गांव के बड़े बुजुर्ग दिशानिर्देश देकर इस परंपरा को एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी को विरासत के रूप में सौंप रहे हैं।
राम दरबार की पात्र बनीं गाँव की बेटियां
राम- निकिता सेन, लक्ष्मण -शिवानी चंद्राकर, विभीषण - वर्षा सेन, अंगद -गोल्डी चंद्राकर, हनुमान - तोशिका निर्मलकर, लव कुश - पायल-पलक कलियारे, वानर दल- वंदिता, आराध्या, नेहा, श्रेया, माही एवं अन्य कलाकार।
रावण दरबार के पात्र
रावण - सत्यम चंद्राकर, विदूषक सूरज यादव, अन्य रावण दल के कलाकार बनी गाँव की बेटियां-दानेश्वरी राखी मेघा प्रियाअंजली फाल्गुनी एवं अन्य कलाकार।
साज सज्जा पक्ष - डॉ. चंद्रिका प्रसाद चंद्राकर, रामेश्वर सिंह कोशे, डॉ. पवन चंद्राकर, लक्ष्मण चंद्राकर, कुसुम साहू, हिमानी चंद्राकर, गुंजा चंद्राकर, ओमप्रकाश यदु।
संगीत पक्ष - हारमोनियम भानु सिंगौरी, बैंजो राजेश, तबला लुमन कलियरी, ढोलक आशीष, झुमका द्वारिका ठाकुर, मजीरा हरिश्चंद्र कुर्रे, घूंघरू बचन दास मानिकपुरी, गायन पक्ष श्रीराम शर्मा, भोलाराम यदु ईश्वरीय यदु, सनत कुमार चंद्राकर, खिलावन चंद्राकर, डॉ योगेश कुमार चंद्राकर, उपसरपंच नवीन चंद्राकर एवं समस्त ग्रामवासी हैं।