रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 17 अक्टूबर। हड्डी रोग विशेषज्ञों ने कहा है कि जीवन के किसी न किसी भाग में 90 प्रतिशत तक लोगों को लोअर बेकपेन की समस्या रहती है। ऐसे में समय पर इसका इलाज प्रारंभ करना आवश्यक होता है। कई बार सिर्फ एक्सरसाइज और योग की मदद से लोअर बैकपेन को ठीक किया जा सकता है।
वल्र्ड स्पाइन डे पर अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, रायपुर के हड्डी रोग विभाग और एसोसिएशन ऑफ स्पाइन सर्जन्स ऑफ इंडिया के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित कांफ्रेंस कम वर्कशॉप में देशभर के प्रमुख हड्डी रोग विशेषज्ञों ने बैकपेन की बढ़ती समस्या पर चिंता प्रकट की।
निदेशक प्रो. (डॉ.) नितिन एम. नागरकर का कहना था कि सभी आयुवर्ग के 90 प्रतिशत तक लोगों को लोअर बैकपेन की समस्या होती है। इसमें अधिकांश रोगियों को खाने में कैल्शियम और फास्फोरस कम लेने और बढ़ती उम्र की वजह से यह दिक्कत होती है। कई रोगियों को जन्म से, किसी प्रकार के संक्रमण से या एक्सीडेंट की वजह से भी यह दिक्कत होने लगती है। इन सभी का क्लीनिकल इलाज संभव है।
अस्थि रोग विभागाध्यक्ष प्रो. आलोक अग्रवाल का कहना है कि यदि समय पर रोगी चिकित्सा प्राप्त कर ले तो लक्षणों के आधार पर आसानी के साथ लोअर बैकपेन का इलाज किया जा सकता है। समस्या अधिक होने पर सीटी स्केन और एमआरआई की मदद से भी लोअर बैकपेन की पहचान की जा सकती है। इस अवसर पर विभिन्न चिकित्सकों की ओर से अपने अनुभवों को नए चिकित्सकों के साथ साझा किया गया। कार्यक्रम में डॉ. विक्रम केसरी कर, डॉ. अनिल शर्मा, डॉ. हर्ष सांकले, डॉ. गौतम जावेरी, डॉ. आशीष जायसवाल, डॉ. श्री रामलिंगम, डॉ. रंजित चौधरी आदि ने भी भाग लिया।