महासमुन्द
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद,17 अक्टूबर। नगरपालिका द््वारा निर्मित चौपाटी में इस वक्त आवारा मवेशियों को रखा गया है। राज्य शासन के आदेश के बाद 47 लाख की चौपाटी को अस्थाई गौठान का रूप दिया गया है। अब यह चौपाटी स्थाई गौठान का रूप ले रही है। पांच-छ: लाख रुपए खर्च करते ही इस चौपाटी को पालिका के लोगों को सौंपा जाना था, लेकिन अब इसके भीतर पूरी तरह गंदगी पसरी हुई हैै। चौपाटी के भीतर लगे टाइल्स उखड़ गए हैं। अब यदि गौठानों का निर्माण होने के बाद यहां से मवेशियों को निकाल भी दिया जाए तो लाखों के काम कराने के बाद ही इसे चौपाटी का शक्ल मिल सकेगा।
मालूम हो कि दो साल पहले वर्ष 2018 में नगर पालिका ने बीटीआई रोड पर गुरूतेग बहादुर गार्डन के सामने 47 लाख रुपए खर्च कर चौपाटी का निर्माण कराया था। चौपाटी निर्माण का उद्देश्य यही था कि एक ही स्थान पर शहरवासियों को खाने-पीने के सभी सामान मिल सके। लोग गार्डन और चौपाटी का लुत्फ एक साथ उठा सके, लेकिन आज तक इस स्थल में चौपाटियों को शिफ्ट नहीं किया जा सका है, बल्कि अब इसे अस्थाई गोठान के रूप में तब्दील कर दिया गया है। यहां चाट, पकौड़े, गुपचुप के ठेलों के स्थान पर मवेशियों को रखा गया है।
ऐसा करने के पीछे पालिका का तर्क है कि शहर के आउटर में दो गौठान बनाया जाना है, लेकिन ये अब तक नहीं बना है। वहीं चौपाटी का निर्माण कार्य में अब भी कुछ-कुछ काम शेष है। यही कारण है कि इसे अस्थाई गोठान बना दिया गया है। जब गोठान का निर्माण हो जाएगा या फिर चौपाटी निर्माण के लिए कम पड़ रही राशि शासन से मिल जाएगी तो यहां से मवेशियों को हटा दिया जाएगा।
बहरहाल चौपाटी में मवेशियों को रखने के कारण भीतर पूरी तरह से गंदगी पसरी हुई है। चौपाटी के भीतर लगे टाइल्स व चेकर्स उखड़ गए हैं।
इस संबंध में नगर पालिका सीएमओ एके हालदार ने कहा कि शहर के अंदर लगातार आवारा मवेशियों से सडक़ हादसे होते हैं। जगह-जगह आवारा मवेशी बैठे रहते हैं, जिसके चलते आवगमन में परेशानियां होती है।
गौरतलब है कि बीटीआई रोड स्थित चौपाटी का निर्माण कार्य साल 2018 में शुरू किया गया था। एक साल के अंदर ही पालिका ने 47 लाख रुपए खर्चकर इसे तैयार कर लिया था। चौपाटी के भीतर 6 दुकानों का निर्माण किया गया है। इसके साथ ही पालिकाध्यक्ष व अफसरों की मंशा थी कि शहर के भीतर व हाइवे किनारे जो भी गुपचुप, चॉट सहित अन्य ठेले लगते हैं, उन्हें चौपाटी में स्थान दिया जाए, ताकि भीड़ और दुर्घटनाएं रोकी जा सके।
पालिका प्रशासन से प्राप्त जानकारी के अनुसार चौपाटी का काम पूरा करने के लिए अभी पांच लाख रुपए और खर्च करने होंगे। यहां पाथवे में मुरुम डालने, इलेक्ट्रिफि केशन सहित साज-सज्जा का काम शेष रह गया है। चौपाटी के अंदर बने 6 दुकानों की नीलामी से राजस्व के रूप में पालिका को पैसे आएंगे। इसके अलावा आसपास ठेले लगाने के लिए जो स्थान तैयार किया जाएगा, उससे भी रकम की प्राप्ति पालिका को हो सकती है।
नपाध्यक्ष प्रकाश चंद्राकर का कहना है कि राज्य शासन की ओर से गोठान निर्माण के लिए पैसे मिल चुके हैं। जिसका निर्माण दो जगहों पर किया जा रहा है। वर्तमान में हादसे को देखते हुए पालिका ने आउटरों पर अस्थाई गोठान निर्माण करने के लिए जगह तलाश की, लेकिन नहीं मिली।
इसलिए पालिका की बैठक में प्रस्ताव लाकर चौपाटी को अस्थाई गाोठान बना दिया गया है। उन्होंने कहा कि चौपाटी का निर्माण अधूरा है। निर्माण कार्य पूरा करने के लिए अतिरिक्त खर्च होगा और इसके लिए राशि की आवश्यकता है। हमने राज्य शासन से रुपए की मांग की है। जैसे ही स्वीकृति मिलेगी साफ-सफाई कर इसमें चौपाटी का निर्माण कराया जाएगा।
नपा के सीएमओ का कहना है कि नगर पालिका क्षेत्र में गोठान निर्माण के लिए राज्य शासन की ओर से 40 लाख रुपए मिल चुके हंै। पिटियाझर और तुमाडबरी में दो गोठानों का निर्माण किया जा रहा है। निर्माण कार्य प्रगति पर है। निर्माण कार्य पूर्ण होते ही मवेशियों को रखने का काम यहां किया जाएगा।