दुर्ग
गायत्री मंदिर में पुरखों की स्मृति में भागवत कथा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
उतई, 18 अक्टूबर। पाटन क्षेत्र के गायत्री मंदिर आमालोरी में 139 श्रद्धालुओं ने अपने पुरखों की स्मृति में भागवत कथा का आयोजन किया है जिसमें रोजाना दुर्ग, भिलाई, रायपुर से भी कथा सुनने श्रद्धालू पहुंच रहे हैं।
Ÿ।ीमद्भागवत कथा में धर्मचर्चा करते हुए कथाव्यास प्राची देवी ने कहा कि श्रीमद् भागवत कथा का श्रवण और चिंतन जीवन को नई दिशा प्रदान करता है। यह पावन कथा कल्पवृक्ष है, कलयुग में इसका श्रवण करना संजीवनी से कम नहीं है हम भागवत को आत्मसात कर अपने इह और परलोक दोनों को सुधार सकते है।
गौरतलब है कि शक्तिपीठ में क्षेत्र के 55 से अधिक ग्रामों के 139 श्रद्धालुओं ने मन्दिर परिसर में 16 लाख की बड़ी राशि एकत्र कर नवीन सभागार का निर्माण किया है एवं अपने पुरखों की स्मृति में अपने माता पिता व परिवार के कल्याण के लिये भागवत कथायोजन भी किया है। जबलपुर मप्र से पधारी प्राची देवी से कथा लाभ लेने दुर्ग, भिलाई, रायपुर से भी कथाप्रेमी यहां पहुंच रहे है। रोजाना श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ती जा रही है।
रविवार को व्यासपीठ से प्राची देवी ने भरत चरित्र का गान करते हुए बताया कि प्रत्येक प्राणी के प्रति दया का भाव हो किंतु ध्यान रहे दया-मोह में परिवर्तित न हो, महाराज भरत ने एक मृग शावक के प्रति दया कि लेकिन वह कब मोह में परिवर्तित हो गया, पता ही न चला फलस्वरूप उन्हें हिरण के रूप में जन्म लेना पड़ा क्योंकि भगवान कहते है कि अंतेमति, सोई गति। उन्होंने आगे कहा कि जाने अनजाने यदि व्यक्ति से पाप हुआ है, वह सत्संग सरोवर में लगाये जाने वाले डुबकी रूपी सत्कर्म से दूर हो सकता है।
कथास्थल में सुनील सरोज देवांगन,नीलमणि भारद्वाज, सियाराम चंद्राकर,अशोक सिंह, नेतराम श्रीवास, वेदनाथ चंद्राकर नरेश केला,धनराज साहू, मनीष चंद्राकर, सरजू राम साहू,बीएल कौशिक, चेतन साहू, एस आर बांधे, बी आर साहू, हरीश चंद्राकर, कौशल आडिल, महेश साहू, संपत साहू, त्रिभुवन राणा,जगदीश दिल्लीवार, संजय वर्मा,टीआर कृपाण, राजेश यादव, डाकर सिंह चंद्रवंशी, महेंद्र बंछोर, युवराज चंद्राकर, लतेलु वर्मा, बिसाहू राम चंदन,पुष्पा बंछोर, लीला सिंह,कलीन्द्री दिल्लीवार, रमा बंछोर, सकून वर्मा, करुणा बंछोर, शीतल चंद्राकर, मंजू वर्मा,मालती चंद्राकर सहित बड़ी संख्या में धर्मप्रेमी श्रद्धालुजन उपस्थित थे।