सरगुजा
मृतक के परिजनों एक करोड़ व घायलों को 50-50 लाख मुआवजा देने की मांग
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
अम्बिकापुर, 18 अक्टूबर। प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति चरमरा गई है, मुख्यमंत्री प्रदेश को छोड़ कर दूसरे राज्य में व्यस्त हैं। प्रदेश सरकार राज्य की स्थिति सुधारने के बजाए अपनी सरकार बचाने के लिए गांधी परिवार की सेवा में व्यस्त है। राज्य में रेत माफियाओं के हौसले बुलंद है। आम आदमी तो क्या अब अधिकारी भी यहां सुरक्षित नहीं है। पत्थलगांव व कवर्धा में हुई घटना बताती है कि प्रदेश में कानून व्यवस्था का क्या हाल है। इन दोनों घटनाओं की न्यायिक जांच के साथ ही साथ घटना में मृतक के परिजनों को 1 करोड़ व घायलों को 50 लाख रूपये प्रदान किये जाएं।
उक्त बातें आज पत्रकारों से चर्चा के दौरान भाजपा के वरिष्ठ नेता अनिल सिंह मेजर ने कही। उन्होंने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि प्रदेश में कांग्रेस राज आने के बाद से ही भू माफिया, रेत माफिया, शराब माफिया, गांजा माफिया से लेकर तमाम तरह के अवैध कारोबार करने वालों के हौसले बुलंद हैं, परन्तु पिछले कुछ समय से जिस प्रकार से प्रदेश में घटनाएं हो रही हैं, वह लोगों की चिंता बढ़ाने वाली है।
श्री सिंह ने कहा कि प्रदेश में ढाई-ढाई साल का मुद्दा राजनीतिक अस्थिरता पर गंभीर स्थिति है, जिससे सरकार अभी खुद को ही बचाने में लगी हुई है। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति चिंताजनक है। तस्करों और अपराधियों का प्रदेश में बोलबाला है, इस पर आवाज उठाने पर भाजपा नेताओं पर बर्बता की गयी। वहीं प्रदेश में अराजकता बढऩे पर भी मुख्यमंत्री के द्वारा बैठकों में दिल्ली उड़ जाने व प्रदेश के संसाधनों को उत्तरप्रदेश में लुटाने का आरोप भी भाजपा नेताओं ने लगाया।
उन्होंने पत्थलगांव में हुई घटना के लिए सरकार को जिम्मेदार बताते हुए कहा कि जिस मार्ग पर घटना हुई, वहां पर पुलिस द्वारा दर्जनों बार कार्रवाई की जा चुकी है परन्तु इसके बाद भी यहां आराम से तस्करी हो रही थी। उन्होंने पिछले दो-ढाई वर्षों के दौरान 12 सौ से अधिक मामले में लगभग 61 करोड़ से अधिक रुपये की 50 हजार किलो गांजा जब्ती का मामला उठाते हुए कहा कि इतनी जप्ती के बाद भी न तो कभी तस्करों के खिलाफ कोई विशेष अभियान चलाया गया और न ही तस्कर सरगनाओं पर कोई बड़ा आक्रमण हुआ।
प्रदेश में चोरी, लूट, डकैती, हत्या, बलात्कार के मामले लगातार बढऩे का आरोप लगाते हुए प्रदेश में किसानों की भी दुर्दशा होने की बात कहते हुए भाजपा नेता अनिल सिंह मेजर ने कहा कि प्रदेश सरकार के आंकड़े ही कहते हैं कि पिछले दो साल में प्रदेश में 439 किसानों ने आत्महत्या की है। ये वो मामले हैं जो दर्ज है, वहीं ऐसे कितने ही मामले होंगे, जो दर्ज ही नहीं हुए।
घटनाओं की हो न्यायिक जांच
सीएम बघेल द्वारा लखीमपुर में 50-50 लाख रूपये देने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार का कोई आदमी किसी गरीब मजदूर किसाने के घर झांकने नहीं गया, जिसने आत्महत्या कर ली है। उन्होंने पत्थलगांव और कवर्धा मामले की न्यायिक जांच कराने घटना में मृत हुए व्यक्ति के परिवार को एक करोड़ और घायलों को 50-50 लाख रूपये की सहायता राशि देने, प्रदेश में तस्करों पर कड़ी कार्रवाई करने तथा मामलों की त्वरित सुनवाई के लिए व्यवस्था सुनिश्चित करने व एसआईटी के गठन की मांग की तथा मांग के पूरा नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी दी।
इस दौरान भाजपा जिलाध्यक्ष ललन सिंह, त्रिलोक कपूर कुशवाहा, अभिमन्यु गुप्ता, आलोक दुबे सहित अन्य भाजपा नेता व पदाधिकारी उपस्थित थे।