बस्तर

75 दिन के बस्तर दशहरा के दौरान शौच व प्रशाधन के लिए संघर्ष करती रही बस्तर की बेटियां -आप
18-Oct-2021 10:30 PM
75 दिन के बस्तर दशहरा के दौरान शौच व प्रशाधन के लिए संघर्ष करती रही बस्तर की बेटियां -आप

जगदलपुर, 18 अक्टूबर । आम आदमी पार्टी, बस्तर जिले की महिला इकाई द्वारा मुख्यमंत्री के बस्तर प्रवास के दौरान उन्हें महिलाओं की समस्या को लेकर ज्ञापन सौंपने की तैयारी की गई, लेकिन सीएम से सुरक्षा व व्यवस्था के कारण पार्टी कार्यकर्ता नहीं मिल पाए। जिस पर मुख्यमंत्री के नाम एसडीएम को ज्ञापन सौंपा गया।

 

पार्टी की महिला इकाई की जिला अध्यक्ष आरती पटनायक ने बताया कि 75 दिनों तक चलने वाली बस्तर दशहरा की कीर्ति विश्व भर में सुप्रसिद्ध है। यहां बाहरी पर्यटकों सहित भारी मात्रा में बस्तर के मूल निवासी ग्रामीणों की संख्या होती है। बस्तर के ये मूल निवासी महिलाओं व बच्चियों सहित सपरिवार बस्तर दशहरा पर्व में कई दिनों के लिए शामिल होने आते हैं।

जिला मुख्यालय के विभिन्न क्षेत्रों में लगभग 10 सुलभ शौचालय संचालित हैं, जिनमें केवल 2 के अतिरिक्त बाकी मूल दशहरा स्थल से काफ़ी दूर हैं। विदेशी व अन्य जिलों से आये पर्यटक तो सरकारी या निज़ी सुविधाओं के अनुसार ठहरने व अन्य व्यवस्था करते हैं। बस्तर के मूल निवासी जनता जो अपने साथ महिलाओं व बच्चियों को लेकर बस्तर दशहरा में आते हैं, शौच या प्रसाधन के लिए उन्हें भारी दिक्क़त आती हैं।

यही नहीं सामान्य दिनों में भी जगदलपुर शहर सहित बस्तर के किसी भी ब्लॉक मुख्यालय में बाज़ार, अस्पताल या इस तरह के सार्वजनिक स्थानों पर पृथक महिला प्रसाधन के ना होने के कारण बस्तर के महिलाओं व बेटियों को काफ़ी दिक्कतों का समाना करना पड़ता है।

आम आदमी पार्टी के महिला प्रकोष्ठ की अध्यक्ष आरती पायनायक के नेतृत्व में बस्तर की समस्त महिलाओं की की इस  समस्या को देखते हुये मांग की गई है कि बस्तर के प्रत्येक विकास खंड व नगर के प्रमुख सार्वजनिक क्षेत्रों में पृथक महिला प्रसाधन केंद्रों का संचालन किया जावे। इन स्थानों पर सेनेटरी पेड वेंडिंग मशीन की स्थापना, गर्भ निरोधकों के प्रचार व उपलब्धता सहित महिला स्वास्थ्य संबंधित अन्य सुविधाओं का भी ध्यान दिया जावे।

महिला इकाई द्वारा उठाये मांग पर अपना समर्थन व्यक्त करते पार्टी की जिला अध्यक्ष तरुणा साबे बेदरकर ने निगम प्रशासन पर हमला करते कहा कि यह शहर के महिलाओं के लिए बडे दुर्भाग्य की बात है कि महिला महापौर और महिला सभापति होते हुए भी महिलाओं के समस्याओं से इनका कोई सरोकार नहीं है। शहर के अंदर सार्वजनिक स्थलों में महिला की निजता का ध्यान रखते हुए साफ सुथरी और सर्व सुविधा युक्त शौचालय की व्यवस्था कराना निगम का कार्य है पर जगदलपुर के अंदर ऐसे कितने शौचालय है जो महिला की निजता को ध्यान में रख और उनकी स्वास्थ्य समस्याओं को ध्यान में रख कर बनाये गए हैं और निगम के महिला प्रतिनिधियो का इस ओर ध्यान नही दिया जाना क्या सही है।

ज्ञापन सौंपने वालों में महिला प्रकोष्ठ की जिला अध्यक्ष आरती पटनायक के साथ जिला अध्यक्ष तरुणा साबे बेदरकर, आस्था सिंह, चंचल तिवारी, ऊषा साहू, उर्मिला गुप्ता समेत अन्य महिला कार्यकर्ता मौजूद रहे।

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