कोरिया

6 दिनों में चिरमिरी की बंद पड़ी खदानों को चालू करें-विधायक
19-Oct-2021 6:54 PM
  6 दिनों में चिरमिरी की बंद पड़ी खदानों को चालू करें-विधायक

एसईसीएल के सीएमडी को लिखा पत्र

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

चिरिमिरी, 19 अक्टूबर। मनेंद्रगढ़ विधायक डॉ. विनय जायसवाल ने एसईसीएल बिलासपुर के सीएमडी को पत्र लिखकर 6 दिनों के भीतर चिरमिरी की बन्द पड़ी खदानों को चालू करने की दिशा में सकारात्मक पहल करने का अल्टीमेटम दिया है । साथ ही निर्धारित अवधि में सकारात्मक पहल नहीं होने पर 25 अक्टूबर को एसईसीएल चिरमिरी के सीजीएम कार्यालय के सामने धरना प्रदर्शन की चेतावनी भी दी है ।

अपने ज्ञापन में विधायक डॉ. विनय जायसवाल ने कहा है कि विगत 90 वर्षों से चिरमिरी क्षेत्र की खदानों से कोयले के आपूर्ति से देश के प्रगति में अपना अमूल्य सहयोग प्रदान करता रहा है। लेकिन आज वह अपने अस्तित्व को बचाने में असहाय महसूस कर रहा है। जबकि चिरमिरी क्षेत्र में पर्याप्त कोयले का भण्डार आज भी उपलब्ध है, किन्तु कोयला कम्पनी के हठ धर्मिता एवं उपेक्षा पूर्ण कार्य प्रणाली के कारण उसका समुचित दोहन नहीं हो रहा है।

श्री जायसवाल ने पत्र में आगे कहा है कि उपरोक्त मुद्दे पर समुचित किये गए प्रयास एवं निर्णयों की सम्पूर्ण जानकारी 6 दिवस के भीतर हमारे कार्यालय को उपलब्ध कराये जिससे संबंधितों से इस पर अर्थपूर्ण परिचर्चा कर उपलब्ध कोयला भण्डारण के दोहन हेतु सकारात्मक पहल किया जा सके। अन्यथा आगामी दिवस में मेरे द्वारा 25 अक्टूबर को दोपहर 12 बजे से 2 बजे तक महाप्रबंधक कार्यालय चिरमिरी में सांकेतिक धरना कर आपका ध्यानाकर्षित कर विरोध दर्ज कराया जायेगा।

श्री जायसवाल ने ज्ञापन में आगे कहा है कि कम्पनी द्वारा संचालित वेस्ट चिरमिरी कॉलरी प्रबंधन द्वारा वर्ष 2018 अप्रैल में 4.5 लाख टन ओवर बर्डन एवं कोयला उत्खनन हेतु अनुबंधित किया गया था। किन्तु संबंधित ठेकेदार द्वारा केवल 1.50 लाख टन का उत्खनन कर कार्य बंद कर दिया गया। इस संबंध में सम्पूर्ण जानकारी ठेकेदार को किये गए भुगतान एवं कार्य की प्रगति एवं कार्य बंद किये गए कारणों की विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराये। एक सर्वे के अनुसार चिरमिरी क्षेत्र के साजा-पहाड़ क्षेत्र में सी.एम.ई. (सेमी कोकिंग कोल ग्रेड के उत्कृष्ठ कोयलो का 16 लाख टन से अधिक मात्रा में भण्डारण है। वहां पर पूर्व में निजी कम्पनी द्वारा कोयले का उत्खनन किया गया था, किन्तु कोल कम्पनी के राष्ट्रीयकरण होने के पश्चात या तो इसे बंद कर दिया गया या तो आपके द्वारा इसे बंद करवा दिया गया। आपके कम्पनी द्वारा इस परियोजना में उत्खान की संभावना के लिए किये गए प्रयासों की सम्पूर्ण जानकारी निर्धारित अवधि में उपलब्ध करायें। वेस्ट चिरमिरी कॉलरी 3 नम्बर सीम में कम्पनी द्वारा उत्खनन कार्य किया जा रहा था। वहां पर भी ज्ञात सूत्रों के अनुसार 15 लाख टन कोयले का भण्डार उपलब्ध है एवं बागबोरी नाला के पास भी 6.5 लाख टन कोयले का भण्डारण है। आपके द्वारा कोयले का उत्खनन हेतु इस प्रोजेक्ट पर किये गए प्रयासों एवं निर्णयों की समस्त जानकारी निर्धारित अवधि में उपलब्ध करायें।  वेस्ट चिरमिरी एवं कोरिया के मध्य पल्थाजाम सीम नम्बर 03 पहाड़ी के पास 20 से 22 लाख टन कोयले के भण्डारण का अनुमान है। आपकी कम्पनी द्वारा यहां पर विगत वर्ष 1996 में टेंगनी घाट के नाम से चिन्हित स्थल पर लगभग 45 हेक्टेयर क्षेत्र की परिधि में कोयला खदान खोलने की प्रक्रिया प्रारम्भ की गई थी, प्रक्रिया कहां तक पहुंची थी, एवं किन कारणों से यह परियोजना अवरुद्ध हुई, उसकी पूर्ण जानकारी उपलब्ध करायें।   

इसके साथ ही कोरिया रेल्वे लाईन एवं मलमा दफाई के बीच 4.50 लाख टन कोयले का भण्डारण बताया गया है। यहां पर भी कम्पनी द्वारा उत्खनन कार्य प्रारम्भ किया गया था, किन्तु किन कारणों से उत्खनन बंद हुआ। सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करायें। दुर्घटना ग्रस्त अंजानहील भूमिगत खदान में लगभग 150 से 200 लाख टन के कोयले का प्रचुर भण्डारण है एवं पूर्व में उक्त स्थल को मेगा प्रोजेक्ट का नाम देकर कार्य को गति दी गई थी एवं कोयले उत्पादन आज भी प्रारम्भ है। अगर इस परियोजना को और अधिक गति देते हुए इसे हसदेव क्षेत्र तक बढ़ा दिया जाये तो लगभग 20 मिलियन टन कोयले का प्रचुर भण्डारण होने की सम्भावना है। इससे उजड़ते हुए चिरमिरी के अस्तित्व को बल मिलेगा और इस बड़ी भ्रांति से शहर की बसाहट यथावत रहेगी। इस संबंध में भी सम्पूर्ण जानकारी  निर्धारित अवधि में प्रदान करने की व्यवस्था करें।

श्री जायसवाल ने आगे कहा है कि इन बिन्दुओं पर प्राप्त जानकारी के आधार पर सक्षम प्राधिकारियों एवं विभाग से संवाद कर समस्या के समाधान के प्रयास किये जायेंगे तथा भविष्य में प्रस्तावित योजना की सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करायें। अन्यथा उपरोक्तानुसार तिथि में महाप्रबंधक कार्यालय के समक्ष सांकेतिक घेराव कर विरोध प्रदर्शन किया जायेगा, यह एक वृहद उग्र आंदोलन की शुरूआत होगी। जिसकी प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष जिम्मेदारी एसईसीएल प्रबंधन की होगी।

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