दन्तेवाड़ा

नक्सल पीडि़तों को दो करोड़ की सहायता
20-Oct-2021 8:55 PM
  नक्सल पीडि़तों को दो करोड़ की सहायता

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

 दंतेवाड़ा, 20 अक्टूबर। दंतेवाडा जिले में आत्मसमर्पण कर रहे नक्सली भी शासन की योजनाओं से लाभांवित हो रहे है। प्रशासन भी ऐसे क्षेत्रों में विकास की पहुंच बनाने में प्रयासरत है, ताकि आत्मसमर्पित नक्सली मुख्यधारा से जुडक़र शासन की विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ लेकर सुकुन की जिंदगी चलती रहे।

अब तक 636 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है, जिन्हें शासन द्वारा 10-10 हज़ार रूपए की प्रोत्साहन राशि प्रदान की गई है। उन्हें अन्य सुविधाएं भी प्रदान की जा रही हैं। अब तक आत्मसमर्पित नक्सलियों में से 120 लोगों को शासकीय नौकरी प्रदान की गई है।

आत्मसमर्पित नक्सलियों में से 532 लोगों का राशन कार्ड, 407 लोगों का आधार कार्ड, 440 लोगों का मतदाता पत्र कार्ड बनाया जा चुका है। 392 लोगों को बैंक खाता की सुविधा दी गयी है। 459 लोगों को स्वास्थ्य बीमा कार्ड का लाभ दिया गया है। जिससे उन्हें बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध हो सके। 108 को आवास की सुविधा प्रदान की गई है। 190 लोगों को शासकीय सेवा हेतु प्रशिक्षण दिया गया है। जिससे उन्हें अपनी आजीविका चलाने में सहुलियत हो।

आत्मसमर्पित नक्सलियों को उनकी मंशानुसार कृषि, पशुपालन, अण्डा उत्पादन आदि के लिए ट्रेक्टर, बीज, उपकरण, पम्प, शेड निर्माण, गाय, बकरी, मुर्गी आदि का वितरण किया जा रहा है। बकरी पालन हेतु 6 लोगों को 10 बकरी 1 बकरा वितरण कर 4.08 लाख की राशि प्रदान की गई है। आत्मसमर्पण के बाद ऐसे नक्सलियों को टेकनार गौशाला में पशुपालन व कुक्कुट पालन का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। ताकि वे गांव में ही खेती किसानी के साथ रोजगार अपनाकर क्षेत्र के विकास में कार्य करें।

जिससे समाज में शांति एवं भाईचारा बने रहें।

महाराकरका गावं सरेंडर नक्सलियों द्वारा पशुपालन करने वाला पहला मॉडल गांव बन रहा है। इस गांव में सरेंडर नक्सली सरकारी मदद से 1-2 नहीं बल्कि मछली, बकरी, बतख, गाय, कडक़नाथ मुर्गा पालन आदि के कई सारे काम किये जायेंगे। आत्मसमर्पित नक्सलियों को मनरेगा योजनान्तर्गत विभिन्न दिवसों पर मानव दिवस का रोजगार प्रदान किया जा रहा है। इसके तहत 65 लोगों को मनरेगा जॉब कार्ड प्रदान किया गया है। आत्मसमर्पित नक्सली जो बड़े गुड्रा के श्री प्रकाश करटाम और उनके साथियों को कृषि के लिए 1 ट्रैक्टर प्रदान किया। जिससे वे कृषि कार्य करके अपना गुजारा चलाकर सामान्य नागरिक की तरह जीवन यापन कर पाएंगे। विगत 2 वर्षों में नक्सल प्रभावित 51 व्यक्तियों को शासन द्वारा 191.60 लाख की आर्थिक सहायता राशि प्रदान की गयी है। साथ ही 24 नक्सल पीडि़तों में से 11 को शासकीय नौकरी, 24 को राशन कार्ड प्रदान किया गया है। 78 बच्चों को छात्रवृत्ति राशि दी गयी है।

जिले में आत्मसमर्पित नक्सलियों व नक्सल पीडि़त परिवारों के लिए शहीद महेंद्र कर्मा कॉलोनी के नाम से आवासीय परिसर का निर्माण किया जा रहा है। जिसके लिये 338.38 लाख की राशि स्वीकृत की गई है। सरेंडर कर चुके नक्सली अब नक्सल पीडि़त परिवारों के साथ मिलकर डेनेक्स टेक्सटाइल प्रिंटिंग फैक्ट्री भी चलाएंगे, जो छत्तीसगढ़ की ऐसे पहली फैक्ट्री होगी जिसका जिम्मा नक्सल पीडि़त परिवारों और सरेंडर नक्सलियों के हाथों में होगा। साथ ही उन्हें इस कार्य हेतु प्रशिक्षण भी दिया जा  रहा है। महिलाओं को बिहान अन्तर्गत स्व-सहायता समूहों में जोड़ा जा रहा है, जिससे वे सशक्त हो सके। नक्सलियों ने जिन हाथों से ढहाया था स्कूल, आत्मसमर्पण पश्चात उन्हीं हाथों से फिर से मासापारा के स्कूल को दोबारा बनाया।

अन्य पोस्ट

Comments

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news