रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 21 अक्टूबर। क्या एआईसीसी के तय कार्यक्रमों को पीसीसी भूल गई है, इस आशय की चर्चा पार्टी हल्कों में हो रही है। बताया गया कि कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव ने महंगाई के खिलाफ व्यापक जनजागरूकता अभियान के लिए कार्यक्रम की रूपरेखा भेजकर तैयारी करने पत्र भेजा था। मगर पीसीसी ने अब तक इस पर कोई कदम नहीं उठाएं हैं।
कांग्रेस बढ़ती कीमतों के खिलाफ 14 नवम्बर से 29 नवम्बर के बीच देशव्यापी जनजागरण अभियान शुरू करने जा रही है। कार्यक्रम की तैयारियों के लिए पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल ने सभी राज्यों को दिशा निर्देश जारी किए थे। पार्टी ने समयबद्ध कार्यक्रम भेजा है। ताकि मोदी सरकार द्वारा अर्थव्यवस्था को ठीक से नहीं संभाल पाने की वजह से बढ़ती जा रही महंगाई को लेकर लोगों में जागरूकता पैदा किया जा सके।
सप्ताहभर चलने वाले इस कार्यक्रम के लिए जिला और ब्लॉक के पदाधिकारियों और सभी प्रकोष्ठों को मतदान केन्द्र तक पहुंच बनाने के लिए पद यात्रा करने कहा है। बताया गया कि जन जागरूकता अभियान के सफल क्रियान्वयन के लिए बकायदा प्रशिक्षण शिविर लगाने के निर्देश दिए हैं।
पीसीसी में एक कंट्रोल रूम बनाने, और एआईसीसी के सेंट्रल कंट्रोल रूम के साथ समन्वय स्थापित करने के लिए एक पदाधिकारी को नामित करने के लिए कहा था। प्रत्येक फ्रंटल संगठनों, और विभागों का एक सदस्य कंट्रोल रूम का सदस्य होना चाहिए। यह प्रक्रिया 20 तारीख तक पूरा करने के निर्देश दिए गए थे। मगर इस दिशा में पीसीसी ने कोई कदम नहीं उठाया है।
एआईसीसी राज्य स्तरीय प्रशिक्षकों को दो-तीन दिन का प्रशिक्षण देगी। इसके बाद राज्य स्तरीय प्रशिक्षक पीसीसी से परामर्श करके प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू करने कहा है। यह पूरी प्रक्रिया 25 अक्टूबर तक पूरी करने के निर्देश दिए थे। लेकिन इस पर कोई काम नहीं हुआ है। यही नहीं, प्रत्येक विधानसभा से 10 प्रशिक्षकों का चयन करने के लिए कहा था। और दो नवम्बर तक एक दिवसीय प्रशिक्षण शिविर लगाने का सुझाव दिया गया, लेकिन इस दिशा में पीसीसी ने कोई काम नहीं किया है।
सूत्र बताते हैं कि पीसीसी अध्यक्ष मोहन मरकाम पहले धार्मिक पदयात्रा में थे, और इस वजह से अभियान से क्रियान्वयन पर कोई चर्चा नहीं हो पाई। कार्यकारिणी की बैठक में सीएम भूपेश बघेल ने समय पर बैठक की सूचना नहीं देने पर प्रदेश अध्यक्ष मरकाम पर जमकर नाराजगी जताई थी।
पार्टी के कुछ लोग मानते हैं कि सीएम, और स्वास्थ्य मंत्री के बीच चल रही खींचतान से पीसीसी का काम भी कुछ हद तक प्रभावित हो चला है। मरकाम भी कुछ मसलों पर एक खेमे की तरफ झुकते दिख रहे हैं। हालांकि वो कह चुके हैं कि वे न तो भूपेश, और न ही सिंहदेव के साथ हैं। मगर एआईसीसी महासचिव के पत्र का क्रियान्वयन नहीं होने पर सवाल जरूर उठ रहे हैं।