राजनांदगांव
शहर में अवैध प्लाटिंग के मामले में रहा ढीला रूख
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 22 अक्टूबर। राजनांदगांव एसडीएम मुकेश रावटे को सरकार ने हटा दिया है। उनका स्थानांतरण के पीछे प्रशासनिक हल्के में यह चर्चा जोरों पर है कि शहर में अवैध प्लाटिंग के अवैध कारोबार पर लगाम कसने पर उनका रूख बेहद ढीला रहा। उन पर राजस्व के मामलों में एक पक्षीय कार्रवाई करने की भी शिकायत रही है।
मिली जानकारी के मुताबिक 2015 बैच के राज्य प्रशासनिक सेवा के अफसर मुकेश रावटे करीब दो साल बतौर राजनांदगांव एसडीएम रहे। उनके प्रशासनिक कार्यशैली को लेकर हमेशा चर्चाएं होती रही है। राज्य सरकार ने संयुक्त कलेक्टर के रूप में रावटे को दुर्ग पदस्थ किया है। उनकी जगह अभी नई पदस्थापना नहीं हुई हे। बताया जा रहा है कि जिले में डिप्टी कलेक्टरों की भरमार है। कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा अपने प्रशासनिक अधिकार के तहत नए डिप्टी कलेक्टर में से किसी को एसडीएम की जिम्मेदारी दे सकते हैं। एसडीएम रावटे पर शहर के अंदरूनी और बाहरी इलाकों में हुए अवैध प्लाटिंग के मामले में ठोस कार्रवाई नहीं करने की शिकायतें रही है। शहर से सटे पेंड्री, कन्हारपुरी, मोहारा, नवागांव क्षेत्र में बड़े पैमाने पर अवैध प्लाटिंग हुई है। कुल मिलाकर चुनिंदा मामलों में ही राजनांदगांव अनुभाग द्वारा कार्रवाई की गई। जबकि ज्यादातर मामलों को कथित रूप से छूट दी गई।