दुर्ग
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दुर्ग, 22 अक्टूबर। हेमचंद यादव विश्वविद्यालय दुर्ग की कुलपति डॉ. अरूणा पल्टा ने दो टूक कहा है कि पीएचडी कर रहे शोधार्थी, शोध का ऐसा विषय चुने जो समाज उपयोगी हो। किसी भी सूरत में पीएचडी के पश्चात आलमारी में बंद करने वाले शोध विषयों को विश्वविद्यालय आरडीसी की बैठक में अनुमोदित नहीं करेगा। कुलपति ने कहा कि शोधार्थी केवल सैद्धांतिक विषय चुनकर पीएचडी की औपचारिकता पूरा करते हैं, जबकि उन्हें समाज में निहित समस्याओं को लेकर शोध करना चाहिए।
कुलपति डॉ. अरूणा पल्टा ने गुरुवार को 4 महाविद्यालयों के लगभग 100 से अधिक शोध निर्देशकों की मार्गदर्शन बैठक विवि के टैगोर हॉल में ली। बैठक में श्री शंकराचार्य महाविद्यालय जुनवानी भिलाई, स्वामी श्री स्वारूपानंद महाविद्यालय हुडको भिलाई, भिलाई महिला कॉलेज भिलाई तथा सेंट थॉमस कॉलेज भिलाई के शोध निर्देशक उपस्थित थे।
उन्होंने सभी शोध निर्देशकों से आग्रह किया कि वे अपने शोधार्थियों को पर्याप्त समय देकर ध्यानपूर्वक शोध विषय का चयन करें। इसके पहले पीएचडी सेल प्रभारी डॉ. प्रशांत श्रीवास्तव ने पीएचडी से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी संबंधित महाविद्यालयों के प्राचार्यों को दी और उनकी समस्याओं का निदान किया। डॉ. पल्टा ने कहा कि पीएचडी थिसिस जमा करने के पूर्व उसकी नकल संबंधी जांच जरूरी है। इसके लिए विश्वविद्यालय में सा टवेयर उपलब्ध है। इसी के साथ साथ यूजीसी के नियमानुसार पीएचडी थिसिस जमा करने के समय शोधार्थी का यूजीसी द्वारा मान्यता प्राप्त रिसर्च जनरल में शोधपत्र का प्रकाशन होना तथा दो राष्ट्रीय स्तर के सेमिनार में रिसर्च पेपर की मौखिक प्रस्तुतिकरण संबंधी प्रमाण पत्र भी जमा करना अनिवार्य है।