राजनांदगांव
राजनांदगांव, 22 अक्टूबर। भारतीय मजदूर संघ से संबद्ध छत्तीसगढ निर्माण मजदूर महासंघ के आह्वान पर आगामी 25 अक्टूबर को राज्यभर के सभी जिला केंद्रों में श्रम विभाग के मुख्यालयों में निर्माण मजदूरों की 17 सूत्रीय मांगों को लेकर आंदोलन किया जाएगा। साथ ही मुख्यमंत्री व श्रम मंत्री के नाम श्रम अधिकारी के माध्यम से मांग पत्र भेजा जाएगा।
भारतीय मजदूर संघ के प्रदेश संगठन मंत्री योगेश दत्त मिश्रा ने प्रेस को जानकारी देते आरोप लगाया कि विवाह योजना सहित अन्य महत्वपूर्ण योजनाओं को बंद कर दिया गया है। जिससे प्रदेशभर के निर्माण कार्य में लगे कामगारों में आक्रोश है। लगातार आंदोलनों के बावजूद सरकार लालफीताशाही में उलझी हुई है। इसी वजह से अबकी बार इस आंदोलन के जरिये सरकार को सीधे-सीधे अल्टीमेटम दिया जा रहा है यदि बंद योजनाओं पर तत्काल कोई निर्णय नहीं हुआ तो राजधानी रायपुर में सडक़ की लड़ाई लड़ी जाएगी।
श्री मिश्रा ने राज्य सरकार व कर्मकार मंडल पर सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के उल्लंघन का गंभीर आरोप लगाते कहा कि सर्वोच्च न्यायालय की साफ तौर पर गाईड लाइन है कि निर्माण मजदूरों की योजनाओं में व्यय की गई राशि के हिसाब से स्थापना व्यय पांच प्रतिशत से अधिक न हो, किन्तु वर्तमान में चालीस प्रतिशत से भी ज्यादा कर्मकार मंडल का स्थापना व्यय हो रहा है। वहीं श्रमिक कल्याण पर फूटी कौड़ी भी खर्च नहीं हो रही है। हालात की गंभीरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है, मृत्यु जैसी योजनाओं के आवेदन भी लंबित पड़े हुए हैं।
प्रेस बयान में निर्माण मजदूर महासंघ के अध्यक्ष सुदर्शन मानिकपुरी, उपाध्यक्ष अलका बारसागढे, रमा कुर्रे, रवि साहू, मुक्ति दास, महामंत्री राजेश राजवाड़े, संयुक्त महामंत्री गीता सोनी, सुकलाल साहू और कोषाध्यक्ष स्नेह लता पटेल ने राज्यभर के निर्माण कामगारों से आंदोलन को सफल बनाने का आग्रह किया है।